ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी सैनिकों के पीछे जाने की प्रक्रिया जारी है। गलवान एरिया में पट्रोलिंग पॉइंट (पीपी)-14 के बाद हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 पर भी डिसइंगेजमेंट पूरा हो गया है। गोगरा पोस्ट में डिसइंगेजमेंट कल पूरा हो सकता है। पैंगोंग एरिया में भी कुछ मूवमेंट हुआ है हालांकि चीनी सैनिकों के पीछे हटने के संकेत नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग एरिया में फिंगर- 4 से कुछ चीनी सैनिक कम हुए हैं। वहां से उन्होंने कुछ अस्थायी स्ट्रक्चर भी हटाए हैं। हालांकि अब भी फिंगर-4 में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक आमने सामने हैं। चीनी सैनिकों की संख्या कुछ कम जरूर हुई है लेकिन उनके पूरा पीछे हटने के संकेत अभी नहीं मिल रहे। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक यहां डिसइंगेजमेंट तभी माना जाएगा जब सारे चीनी सैनिक पीछे हटेंगे, सिर्फ सैनिकों की संख्या कम होने से बात नहीं बनेगी।
उन्होंने कहा कि इसे डिसइंगेजमेंट का संकेत नहीं मान सकते लेकिन फिर भी यह पॉजिटिव दिशा में उठाया गया कदम है। पैंगोंग एरिया में डिसइंगेजमेंट में सबसे ज्यादा दिक्कत आने का अनुमान है। क्योंकि यहां पर भारतीय सेना उस तरह बफर जोन बनाने के पक्ष में नहीं है जिस तरह गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया में बन रहा है। यहां पर भारतीय सेना फिंगर-4 से पीछे हटने के पक्ष में नहीं है जबकि चीन चाहता है कि दोनों देशों के सैनिक डेढ़- दो किलोमीटर पीछे हटें। भारत की तरफ से कहा गया है कि यहां पर चीनी सैनिक पीछे जाएं क्योंकि वही आगे आए थे।
बुधवार को हॉट स्प्रिंग एरिया के पीपी-15 में भी डिसइंगेजमेंट पूरा हुआ। सूत्रों के मुताबिक यहां पर चीनी सैनिक करीब दो किलोमीटर पीछे गए हैं। यहां पर भी पीपी-14 की तरह बफर जोन बनाया गया है। यानी ऐसा जोन जहां पर दोनों देशों के सैनिक नहीं रहेंगे। गोगरा एरिया में पीपी- 17 ए के पास गुरूवार तक डिसइंगेजमेंट पूरा होने की उम्मीद है। इन तीनों जगह पर 2-3 किलोमीटर का बफर जोन होगा। फिलहाल भारतीय और चीनी सैनिक सामान्य पट्रोलिंग नहीं करेंगे। जब डिसइंगेजमेंट के सभी चरण पूरे हो जाएंगे उसके बाद ही सामान्य पट्रोलिंग बहाल की जाएगी। अभी डिसइंगेजमेंट का वेरिफिकेशन भी चल रहा है। दोनों देश इसे वेरिफाई करेंगे।