गलवान से तो हटे चीनी पर पैंगोंग में हेकड़ी

मनु पब्बी, नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच पिछले तीन महीने से जारी तनाव में थोड़ी नरमी दिखने को मिल रही है। 15 जून को में खूनी झड़प वाली जगह से ड्रैगन की सेना पूरी तरह हट चुकी है। इस बीच, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और पूर्वी लद्दाख में बफर जोन बनाया जा रहा है। दोनों पक्ष विवादित क्षेत्र से सेना हटाने को लेकर लगातार बात भी कर रही है। पैंगोंग लेक इलाके के फिंगर एरिया में चीनी सेना ने पक्के निर्माण कर रखे हैं और यहां अभी भी तनाव बरकरार है

फिंगर इलाके में तनाव बरकरार
हालांकि अभी सबसे बड़ी चुनौती है कि बफर जोन को सही तरीके से लागू कर दिया जाए और आगे कोई और घटना न हो। इस बीच पैंगोंग लेक इलाके में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण था। फिंगर इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने काफी मुश्किल वाला होगा क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर चीनी सेना ने आधारभूत ढांचा बना लिया है। एक सूत्र ने बताया कि चीन ने यहां कई तरह का ठिकाना और सैनिकों के पक्के बंकर बना लिए हैं।

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गलवान घाटी से पूरी तरह हटी चीनी सेना
गलवान घाटी को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है और यहां 4 किलोमीटर का बफर जोन बनाया गया है और इसे यहां आने वाले समय में सैनिकों के हटने तक कोई गतिविधि नहीं होगी। घटना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ऐसा ही बफर जोन गोगोरा और हॉट स्प्रिंग इलाके में भी बनाया जा सकता है।

पेट्रोलिंग पाइंट 14 से हटा चीन
गलवान में चीनी सेना पेट्रोलिंग पाइंट 14 से पूरी तरह से पीछे हट गई है। सैटलाइट तस्वीरों के अनुसार, अब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में अपने इलाके में है। इसके अलावा चीनी सेना के अस्थायी टेंट और भारी वाहन भी वहां से हटा लिए गए हैं।

अभी कई प्रक्रिया भी है बाकी
विवादित इलाके में पेट्रोलिंग मौजूदा तनाव खत्म होने के बाद ही शुरू होगी। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा दोनों पक्ष सेना हटने की संयुक्त जांच भी करेंगे। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दोनों पक्ष आपसी समझौते के आधार पर पीछे हटने पर सहमत हुए हैं ताकि किसी प्रकार के हिंसक झड़प को रोका जा सके। जब मौजूदा प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो फिर सभी पाइंट पर पेट्रोलिंग शुरू हो जाएगी।

बफर जोन के लिए कई तैयारी
बफर जोन बनाने के बाद अगला कदम LAC पर दोनों तरफ सेनाएं हटाने का होगा। चीन ने मई के शुरुआत में पूर्वी लद्दाख के 15 इलाकों में अपनी सेनाओं को तैनात कर दिया था। सूत्र ने बताया कि जब सेनाएं पीछे हट जाएंगी तो इसका फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा दोनों पक्ष के नामित प्रतिनिधि विवादित इलाके में जाकर स्थिति देखेंगे।

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