143 साल के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा टेस्ट

नई दिल्ली
दर्शकों के बिना क्रिकेट मैच की कुछ महीने पहले तक कल्पना तक नहीं की जा सकती थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते अब यह एक हकीकत बन गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 116 दिन बाद लौट रहा है। नियम कुछ बदले होंगे। माहौल भी काफी अलग होगा। खाली दर्शक दीर्घा में मुकाबले एक अलग तरह का अनुभव होगा।

इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बुधवार से शुरू हो रहे टेस्ट मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो रही है। करीब चार महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू हो रहा है। यह मैच खाली स्टेडियम में बिना दर्शकों के खेला जाएगा। टेस्ट क्रिकेट के 143 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा।

सब कुछ बदला-बदला सा होगा। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें जब मैदान में पहुंचेंगी तो उनका स्वागत करने के लिए स्टैंड में दर्शक मौजूद नहीं होंगे। बेशक, खिलाड़ी भी मैदान पर दर्शकों के जोश, पोस्टर्स और स्लोगन को मिस करेंगे। क्रिकेट के खेल में रोमांच बनाए रखने के लिए इन सबका अहम किरदार होता है।

बंद दरवाजों में खेली जाने वाली इस सीरीज में अंपायर्स होंगे, खिलाड़ी होंगे, रेफरी होंगे लेकिन अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिए दर्शक नहीं होंगे।

आईसीसी ने कोरोना काल में क्रिकेट के लिए कई नियम बनाए हैं।

  • खिलाड़ियों को गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। अगर कोई ऐसा करता है तो अंपायर दो बार चेतावनी देगा और तीसरी बार ऐसा करने पर टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी।
  • ट्रैवलिंग के नियम बहुत सख्त हैं इसलिए टेस्ट सीरीज में न्यट्रल अंपायर नहीं होंगे। स्थानीय अंपायर ही करेंगे अंपायरिंग।
  • अंपायरों में अनुभव की कमी को देखते हुए हर टीम को हर पारी में एक अतिरिक्त डीआरएस दिया जाएगा।

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