कोरोना संकट के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में का आना जारी है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए। तीनों ही जगहों पर भूकंप की तीव्रता काफी कम रही। प्राकृतिक आपदा के बाद किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, अरुणांचल के तवांग में देर रात भूकंप के झटके महसूस गए। रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता का भूकंप तवांग में रात 1 बजकर 33 मिनट पर महसूस किया गया। नैशनल सेंटर फॉर सिसमॉलजी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। वहीं कम तीव्रता के भूकंप ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भी दस्तक दी। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप से किसी को जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।
हिमाचल-यूपी में भूकंप
हिमाचल में रात 1 बजकर 3 मिनट पर भूकंप के झटके लगे। भूकंप का केंद्र किन्नौर के पूर्वोत्तर इलाके में 7 किमी धरती के नीचे था। वहीं, उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंगलवार को 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। नैशनल सेंटर फॉर सिसमॉलजी के मुताबिक, यूपी की राजधानी लखनऊ से 59 किमी उत्तर-पूर्वोत्तर में धरती के 5 किमी नीचे भूकंप का केंद्र था। भूकंप के झटके सुबह 9 बजकर 55 पर महसूस किए गए।
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बता दें कि देश-विदेश के कई इलाकों में बीते दिनों लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी इलाके में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
बड़े संकट की आहट
पिछले दो महीने में दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में 14 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। केंद्रीय पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, यह झटके रिक्टर स्केल पर बहुत हल्के थे। हालांकि भूकंप पर शोध करने वाले इन हल्के भूकंप को बड़े खतरे की आहट भी मान रहे हैं। भूकंप एक्सपर्ट डॉ. पी पांडे के अनुसार, भूकंप को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं हो सकता, लेकिन इन झटकों के पीछे तीन स्थितियां बन रही हैं। पहला यह है कि इस तरह के छोटे झटके कुछ समय तक लगातार आएंगे और फिर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
मौसम विभाग ने किया आगाह
दूसरी स्थिति यह कि लगातार छोटे झटके आएं और फिर एक बड़ा भूकंप, लेकिन इस स्थिति में आमतौर पर पांच से सात छोटे भूकंप के बाद एक बड़ा भूकंप आ जाता है। तीसरी स्थिति यह बन रही है कि दिल्ली एनसीआर में आ रहे यह भूकंप किसी दूर के इलाके में आने वाले बड़े भूकंप के बारे में बता रहे हों। वहीं इस संबंध में भारतीय मौसम विभाग के भूकंप रिस्क असेसमेंट सेंटर ने आगाह किया है कि दिल्ली-एनसीआर में इमारतों के मानक में जल्द से जल्द बदलाव किए जाएं।