प्रधानमंत्री कार्यालय () के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी गुलशन राय ने सोमवार को कहा कि भारत में पिछले दो महीनों के दौरान साइबर घटनाओं में 200 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, लेकिन ऐसा सबूत नहीं है कि इसके लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया जा सके। उन्होंने कहा कि Covid-19 महामारी के कारण घर से काम (Work From Home) के चलन से ये घटनाएं बढ़ी हैं। लोग गैर-भरोसेमंद एप्लीकेशन को डाउनलोड करते हैं, जिनमें सुरक्षा उपायों का कमी हो सकती है।
भारत और चीन के बीच संबंध बीते दिनों तनावपूर्ण रहे हैं और गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। राय ने यहां भुगतान कंपनी ईपीएस की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यह सच है कि पिछले दो महीनों के दौरान साइबर घटनाओं, जैसे हैकिंग सिस्टम में काफी वृद्धि हुई है। कोई कह सकता है कि 200 प्रतिशत से अधिक (वृद्धि), यह वह आंकड़ा है जो उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दोनों देशों (भारत और चीन) के बीच तनाव के कारण हमले हुए हैं।
एजेंसियां स्थिति की निगरानी कर रही
राय ने कहा कि विशेष एजेंसियां स्थिति की निगरानी कर रही हैं और हमलों को भी रोक रही हैं। उन्होंने कहा कि फिशिंग, सेवा संबंधी मसले और रैनसमवेयर के बड़े मामले आए हैं। ये मामले केवल बढ़े हुए तनाव के कारण नहीं बढ़े हैं, ये मामले जनवरी और फरवरी के अंत से घर से काम करने के कारण बढ़े हैं। राय ने बताया कि कार्यालयों में आमतौर पर जरूरी सुरक्षा उपाय किए जाते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जो भी डाउनलोड करते हैं, उसके बारे में अधिक सावधानी बरतें और भरोसेमंद एप्लीकेशन को ही अपनाएं।
बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाओं पर हो ये काम
चीनी उत्पादों पर निर्भरता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि चीन विनिर्माण के क्षेत्र में दुनिया में आगे है और हर कोई यह जानते हुए वहां से सामान खरीदता है कि वे असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का आह्वान महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों सहित अन्य देश भी चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं। बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाओं को कम करने के लिए राय ने सुझाव दिया कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि ऑनलाइन ट्रांसफर से मिले पैसे को पाने वाला एक घंटे तक न निकाल सके।