संजीव ने अपने आरोंपों में कहा- वह भारतीय टीम के कप्तान और एक ऐसी संस्था के निदेशक हैं जिसके सह-निदेशक कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट ऐंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जुड़े हुए हैं। यह कंपनी टीम के कई खिलाड़ियों के प्रबंधन का काम देखती है। गुप्ता ने आरोप लगाया है कि यह बीसीसीआई के संविधान का उल्लंघन है जो एक व्यक्ति को कई पदों पर रहने से रोकता है। बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने कहा कि वह गुप्ता के आरोपों की जांच करेंगे।
विराट का नाम बार-बार घसीटना दुर्भाग्यपूर्णगुप्ता ने इससे पहले भी दूसरे खिलाड़ियों के लिए खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए थे, जिन्हें बाद में खारिज कर दिया गया था। सजदेह ने कहा, ‘यह विराट और कॉर्नरस्टोन से जुड़े हितों के टकराव के संदर्भ में है। ऐसे निराधार आरोपों में विराट का नाम बार-बार घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है।’ सजदेह ने कहा कि हितों के टकराव का आरोप अनुमान के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस तरह की अटकलें पूरी तरह से कल्पनाओं पर आधारित हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं। विराट कॉर्नरस्टोन से अनुबंधित विशेष खिलाड़ी है। वह ऐसे ही है जैसे हमारा अनुबंध दूसरी प्रतिभाओं से है।’
इसलिए नहीं बनता हितों का टकराव का केसउन्होंने कहा, ‘एक जिम्मेदार एजेंसी के रूप में, हम एक बार फिर दोहराते हैं कि इस मामले में विराट का हितों के टकराव का कोई सवाल ही नहीं है।’ सजदेह ने कहा, ‘तीसरे पक्ष के लोग निहित स्वार्थ के कारण दूसरे तरीके से सोचते है।’ कोहली की कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट ऐंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में कोई भूमिका नही हैं। वह कॉर्नरस्टोन वेंचर पार्टनर्स एलएलपी और विराट कोहली स्पोर्ट्स एलएलपी में सजदेह के साथ निदेशक हैं, जिनका आधिकारिक नाम अमित है।
सचिन समेत इनपर भी लगाए थे आरोपगुप्ता द्वारा पेश दस्तावेज सार्वजनिक तथ्यों पर आधारित रहे हैं। उन्होंने सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के खिलाफ भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज की थीं, जिन्हें जैन ने ‘खारिज’ कर दिया था। सजदेह ने कहा, ‘मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों की जांच कर लें। हम अपना व्यवसाय बहुत ही पेशेवर और पारदर्शी तरीके से करते हैं, जिसे समय-समय पर सार्वजनिक प्राधिकरणों के पास दाखिल दस्तावेजों से आसानी से सत्यापित किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले पर हमें इतना ही कहना है।’