शहीद SO की वायरल चिट्ठी, IG ले रहे रिपोर्ट

सुमित शर्मा, कानपुर
हिस्‍ट्रीशीटर विकास दूबे के हमले में देवेंद्र मिश्रा ने इस साल मार्च में तत्कालीन एसएसपी को जो पत्र लिखा था वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस खत के माध्‍यम से सीओ ने बताया था कि चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ विनय तिवारी का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के पास आना-जाना है। विकास दुबे के लिए सहानभूति बरतना और कार्रवाई नहीं करने से विनय तिवारी की सत्यनिष्ठा पूरी तरह से संदिग्ध है। इस मामले में आईजी रेंज मोहित अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में जांच कराने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

आईजी रेंज ने बताया कि उन्‍हें अभी सोशल मीडिया के माध्यम से इस पत्र की जानकारी मिली है। इस फाइल को हम एसएसपी कार्यालय से मंगा रहे है कि क्या रिपोर्ट थी और एसओ चौबेपुर पर किस तरह के आरोप लगाए गए थे और इस पर क्या कार्रवाई हुई। इसे हम लोग वेरीफाई करके जो भी उचित कार्रवाई होगी वह करेंगे। पूरा प्रकरण पहले हम लोग समझ लें, इसके बाद कार्रवाई से अवगत कराया जाएगा।

दूबे की हर गतिविधि पर थी सीओ की नजर
बताया जा रहा है कि हमले में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा को इस बात का पहले से अंदाजा था कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की चौबेपुर पुलिस से दोस्ती किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। यही वजह है कि विकास दुबे ने सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा की नृशंस हत्या की थी। दरअसल सीओ विकास दुबे की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे, लेकिन उन्हे चौबेपुर थाने से किसी तरह से सहयोग नहीं मिल रहा था।

तत्‍कालीन एसएसपी ने नहीं दिया था ध्‍यान
सीओ देवेद्र मिश्रा निलंबित एसओ विनय तिवारी के खिलाफ कई बार रिपोर्ट पुराने एसएसपी को भेज चुके थे। इसमें उन्होने विनय तिवारी को भ्रष्ट, जुआ खिलवाने, अधिकारियों को बात नहीं मानने और जनता के साथ अभद्र व्यवहार करने की बातें लिखी थीं, लेकिन तत्कालीन एसएसपी ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई थी।

एसओ ने दूबे के ऊपर से हटाई थी गंभीर धारा
सीओ के वायरल पत्र में उन्‍होंने एसओ विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की दोस्ती का जिक्र किया है। दरअसल 13 मार्च, 2020 को चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 386, 147, 148, 323, 504, 506 में दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की विवेचना सब इंस्पेक्टर अजहर इशरत कर रहे थे। विवेचक ने 386 धारा को हटाकर पुरानी रंजिश का मामला दिखा दिया। सीओ ने जब विवेचक से पूछा कि 386 धारा क्यों हटाया तो विवेचक ने बताया कि एसओ विनय तिवारी के कहने पर हटाई गई है।

चौबेपुर एसओ को दिया था कार्रवाई का निर्देश
सीओ ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा था कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर और आसपास के जिलों में लगभग 150 संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। शिवली थाने के कार्यालय में हत्या कर देने जैसे अपराध भी हैं। उन्‍होंने ऐसे अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौबेपुर थानाध्यक्ष को निर्देश दिया था।

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