कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सावन के पहले सोमवार पर वाराणसी का नजारा बदला हुआ है। हर साल यहां कांवड़ियों की भारी भीड़ होती थी। में जलाभिषेक के लिए काशी की गलियां पटी रहती थीं लेकिन इस बार पर रोक है। ऐसे में कांवड़ियों का समूह नदारद है। वहीं वाराणसी के कई मंदिरों को एहतियातन एक महीने के लिए बंद कर दिया गया है।
भगवान शिव का अति प्रिय महीना सावन आज से शुरू हुआ है। संयोग से इस बार सावन के पहले दिन ही सोमवार भी है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। हर साल यहां लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती थी। लेकिन इस बार नियम और व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण श्रद्धालु कम ही नजर आ रहे हैं।
कांवड़ियों के आने पर रोक, बैरिकेडिंगकाशी विश्वनाथ के दरबार में सावन मास के पहले दिन दर्शनार्थियों की भीड़ नहीं है। कांवड़ियों के आने पर रोक लगी हुई है। पिछले साल की तरह ज्यादा दूरी पर बैरिकेडिंग कराया गया है। इसके अलावा रेड कारपेट बिछाया गया है। बल्लियों से लेकर के नीचे जमीन पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए सफेद निशान लगाए गए हैं। एक बार मे मंदिर में 5 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है। मंदिर में किसी भी दीवार या रेलिंग को छूना सख्त मना है। बाबा के स्पर्श दर्शन पर भी रोक है।
बाबा के दर्शन करने आए भक्तबाबा के दर्शन करने आए भक्त ने बताया कि बहुत बढ़िया से भोलोनाथ का दर्शन हुआ पूरे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ। व्यवस्था पूरी तरह से ठीक है, बिना मास्क और सैनिटाइजेशन के कोई अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। भक्तों ने बताया कि शिवलिंग पर जल चढ़ा कर प्रसाद स्वरूप फूल के साथ वापस आए। उन्होंने बाबा विश्वनाथ से परिवार और पूरी दुनिया को कोरोना वायरस से निजात दिलाने की प्रार्थना की है।