कैसे शहीद हुए पुलिसवाले, जख्मी SO ने बताया

कानपुर
उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए घटनाक्रम में आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए। कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। उन्होंने बताया है कि हमलावर ऐसी पोजिशन में थे कि पुलिसवाले उनको देख नहीं पा रहे थे। यही कारण था कि इतने पुलिसकर्मियों की जान चली गई। कौशलेंद्र प्रताप ने अपने दो साथियों को जान बचाई, जो गोली लगने से घायल हो गए थे।

बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र ने बताया, ‘जिस दिन घटना हुई थी, उस दिन मुझे एसओ चौबेपुर ने सूचना दी थी कि एक दबिश पर चलना है। हम लोग दबिश के लिए अपने थाने लगभग 12:30 बजे निकल गए थे। हम वहां लगभग 1 बजे पहुंच गए थे। हमने वहां से लगभग डेढ़-दो सौ मीटर दूर ही अपनी गाड़ियां पार्क कर दी थीं। हम वहीं से पैदल गए हैं।’

‘अचानक फायरिंग हुई आधे से ज्यादा लोग घायल हो गए’
एसओ कौशलेंद्र प्रताप ने आगे बताया, ‘गाड़ी पार्क करके हम पैदल जा ही रहे थे कि रास्ते में पहले से ही जेसीबी लगाकर रखी गई थी। वहां से एक-एक करके हम लोग जैसे ही उसके घर के पास पहुंचे, अचानक हम पर चारों ओर से फायरिंग होने लगी। अचानक हुई फायरिंग से बचने के लिए हमलोग आड़ लेकर छिपने लगे। हमने खुद को सुरक्षित करने के बाद फायरिंग की लेकिन हमें टार्गेट कहीं नजर नहीं आ रहे थे।’

कौशलेंद्र आगे कहते हैं, ‘हम लोग नीचे थे और वे ऊपर, इसलिए वे हमें देख पा रहे थे लेकिन हम उन्हें नहीं देख पा रहे थे। पहले ही राउंड की फायरिंग में हमारे ज्यादातर लोग घायल हो गए थे। बड़ी मुश्किल से मैंने अपने साथ के दो लोगों- अजय सिंह और अजय कश्यप को बचाया। इन लोगों को गोली लग गई थी, इसलिए मैंने पहले इन्हें बचाना ज्यादा जरूरी समझा। हमारी बाकी टीम शांत बैठ गई थी, शायद यही कारण है कि इतनी कैजुअल्टी हुई।’

दूसरा कारण यह था कि हम टार्गेट को देख नहीं पा रहे थे और वे हमें अच्छे से देख रहे थे। हमारी जरा सी मूवमेंट पर वे फायरिंग कर दे रहे थे और हमारे लोग घायल होते रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *