लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को आरजेडी विधान परिषद भेज सकती है। तेजप्रताप फिलहाल महुआ सीट से विधायक हैं, लेकिन चर्चा है कि वह विधानसभा की सीट छोड़कर विधान परिषद जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि तेजप्रताप यादव इस बार विधानसभा का आगाम विधानसभा चुनाव को देखते हुए आरजेडी विधान परिषद में जातिय समीकरण बिठाने के लिए अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक कोटे से एक-एक उम्मीदवार को विधान परिषद भेज सकती है।
सूत्रों का कहना है कि आरजेडी के अंदर किसी उच्च जाति से खासकर राजपूत समाज से विधान परिषद प्रत्याशी बनाने की मांग हो रही है। कहा जा रहा है कि भूमिहार समाज से आरजेडी ने एडी सिंह को राज्यसभा भेजा है तो राजपूतों को विधान परिषद में उम्मीदवारी मिलनी चाहिए।
विधान परिषद में आरजेडी को 3 सीटें जाएंगी
बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव होने हैं। फिलहाल सभी सीटें जेडीयू और बीजेपी के कोटे की हैं, लेकिन इस बार विधानसभा में दलों की मजबूती के हिसाब से तीन सीट आरजेडी के खाते में जाएगी। वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में भी जाना तय है। बाकी की पांच में तीन जेडीयू और दो बीजेपी के हिस्से में जाएंगी।
CM फेस को लेकर ना हो कोई कन्फ्यूजन
आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक दल को मुख्यमंत्री का चेहरा मनाने को तैयार नहीं हैं। वहीं आरजेडी पहले ही उनके नाम पर मुहर लगा चुकी है। ऐसे में पार्टी को लगता है कि विधानसभा चुनाव के बीच में पार्टी के अंदर तेजस्वी और तेजप्रताप के चेहरे को लेकर कोई कन्फ्यूजन पैदा ना हो। सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से तेजप्रताप यादव को विधान परिषद भेजने की बात हो रही है।
आरजेडी इन्हें भी भेज सकती है विधान परिषद
सूत्रों का कहना है कि आरजेडी अति पिछड़ा वर्ग के कोटे से रामबली सिंह चन्द्रवंशी को विधान परिषद भेज सकती है। रामबली फिलहाल आरजेडी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। तीसरी सीट अगर अल्पसंख्यक कोटे में दी जाती है तो पार्टी फैसल अली पर दांव लगा सकती है। हालांकि क सीट राजपूत समाज के लोग भी डिमांड कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह भी विधान परिषद जाना चाहते हैं। हालांकि अंतिम फैसला लालू फैमिली और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की रजामंदी से होना है।