वॉ ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक एथर्टन के साथ एक चैनल पर बातचीत के दौरान कहा, ‘कप्तान के रूप में वेस्टइंडीज का यह मेरा पहला दौरा था। एक कप्तान के रूप में आपसे मुश्किल फैसले लेने की उम्मीद की जाती है। इसलिए आपको यह काम दिया जाता है। आप वहां हर किसी को खुश करने के लिए नहीं होते हैं। मैं हमेशा एक निश्चित बिंदु पर अपने खिलाड़ियों के प्रति वफादार रहना चाहता था, लेकिन आप टीम और उनके प्रदर्शन के प्रति वफादार रहेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘टेस्ट मैच से पहले मैं शेन के साथ संपर्क कर रहा था। मैच से पहले,हमारा एक कार्यक्रम था और इसलिए हमारे बीच सीधी बातचीत हुई और मैंने कुछ चीजों का उल्लेख किया। अगले दिन मैं टीम की एक बैठक में गया, जहां यह ज्योफ मार्श, शेन वॉर्न और मैं था।’ वॉ ने कहा, ‘उन दिनों, जब आप दौरे पर होते थे तो दो खिलाड़ी और कोच, टीम को चुनती थी। चयनकर्ताओं का इससे कोई लेना-देना नहीं था। मुझे यह अजीब लगा क्योंकि आपके पास चयनकर्ता थे जो घरलेू सीरीज के लिए टीम चुन रहे थे। लेकिन विदेश दौरे पर निर्णय लेना कप्तान के ऊपर था।’
पूर्व कप्तान ने कहा, ‘वॉर्न, एक कंधे की सर्जरी से ठीक होकर वापस आए थे। मुझे लगता है कि उन्हें टीम में भी जल्दी वापस लाया गया था। हमारे पास स्टुअर्ट मैकगिल थे, जो पिछले टेस्ट मैच में गेंद को उसी तरह से घुमा रहे थे। विंडीज दौरे पर ब्रायन लारा स्पिनरों को अच्छे से खेल रहा था, इसलिए मुझे लगा कि यह सही फैसला है।’ बिना वॉर्न के उतरी उस सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2-2 से ड्रॉ खेलना पड़ा था।