एक गैरकानूनी संगठन ” से जुड़ी 40 वेबसाइट्स को सरकार ने बैन करने का फैसला किया है। आरोप है कि वेबसाइट्स के जरिए यह संगठन गैरकानूनी काम करने के लिए लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फोटेक मिनिस्ट्री ने यह कदम उठाया है। एक दिन पहले ही इस समर्थक संगठन के स्वयंभू मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने देशद्रोह और अलगाववाद के आरोप में केस दर्ज किया है।
बता दें कि पन्नू अमेरिका में रहता है और वहीं से टेलीकॉलिंग और वेबसाइट के जरिए अपना पुलिस ने बताया कि पन्नू देश की अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा है। वह 4 जुलाई को एक अवैध जनमत संग्रह करवाने वाला था और वेबसाइट के जरिए भी इसका प्रचार कर रहा था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस संगठन पर कार्रवाई पर असंतुष्टि जाहिर की थी। पंजाब सरकार ने बताया था कि इस संगठन से जुड़े 116वॉट्सऐप ग्रुप बैन किए जा चुके हैं और 16 एफआईआर दर्ज हुई हैं।
केंद्र सरकार पहले ही पन्नू को आतंकी घोषित कर दिया है और सिख फॉर जस्टिस पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। लंबे समय से पन्नू को भारत लाने की मांग भी की जा रही है। पन्नू अमेरिका से ही भारत विरोधी अजेंडा चलाता है। कई वेबसाइट, वॉट्सऐप ग्रुप और सोशल मीडिया के जरिए वह लोगों को बरगलाने की कोशिश करता रहता है।
2019 में सरकार ने इस संगठन पर 5 साल के लिए बैन लगाया था। यह संगठन सिखों के लिए अलग देश की मांग करता है। अप्रैल 2019 में मोदी सरकार के कहने पर पाकिस्तान भी इस संगठन को प्रतिबंधित कर चुका है। पंजाब में यह संगठन कई बार आंतरिक शांति को भंग करने की कोशिश कर चुका है। कुछ इसी तरह का प्रयास वह इस बार भी करने जा रहा था।