के प्रधानमंत्री पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है। पार्टी में अलग-थलग पड़े ओली ने शनिवार शाम को सभी मंत्रियों को अपने आवास पर बुलाया और उनके साथ राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिलने पहुंचे। जिसके बाद मंत्रियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी गंभीर संकट का सामना कर रही है और जल्द ही पार्टी में विभाजन देखने को मिल सकता है। मेरे और राष्ट्रपति भंडारी के खिलाफ साजिश रची जा रही है।
पीएम का दावा- राष्ट्रपति को भी हटाने के लिए षडयंत्र
पीएम ओली ने अपने आधिकारिक निवास ब्लूवाटर में मंत्रियों की एक आपातकालीन बैठक में कहा कि वह अंतिम समय तक पार्टी की एकता को बनाए रखने की भरपूर कोशिश करेंगे। बैठक में शामिल एक मंत्री ने कहा कि पीएम ओली ने दावा किया कि मुझे प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने के लिए षडयंत्र रचे जा रहे हैं। इसके अलावा हमारी पार्टी के कुछ सदस्य राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं ऐसा होने नहीं दूंगा।
बजट सत्र खत्म करने पर दी सफाई
ओली ने मंत्रियों से कहा कि मुझे पिछले हफ्ते संसद के बजट सत्र को खत्म करने का फैसला करना पड़ा क्योंकि संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज करने के लिए हमारी पार्टी के कुछ सदस्य साजिश रच रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी की स्थायी समिति के फैसले को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
ओली और प्रचंड में तकरार बढ़ी
ओली और पार्टी के एक अन्य अध्यक्ष के बीच बढ़ती अविश्वास के कारण शनिवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। ओली ने प्रचंड पर सरकार चलाने में असहयोग का आरोप लगाया है जबकि प्रचंड ओली पर पार्टी में आधिपत्य स्थापित करने का आरोप लगा रहे हैं।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक टली
पाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की वह बैठक टल गई है जिसमें प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के भविष्य पर फैसला होना था। आधिकारिक घोषणा के मुताबिक बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित हुई है। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि लंबित मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के शीर्ष नेताओं को और वक्त की जरूरत है, इसलिए बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित की गई है। पार्टी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की अहम बैठक शनिवार को होने वाली थी।
नेपाली संसद मे सत्ता का गणित समझिए
नेपाल के सदन (House of Representatives) में 275 सदस्य हैं। सत्ताधारी NCP के पास 174 सीटें हैं, मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के पास 63 सीटें हैं। कुछ वक्त पहले बनी जनता समाजबादी पार्टी (JSP) के पास कुल 34 सीटें हैं। इनके अलावा 4 निर्दलीय सदस्य कमल थापा (राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी), प्रेम सुवल (नेपाल वर्कर्स ऐंड पेजेंट्स पार्टी), दुर्गा पौडल (पीपल्स फ्रंट) और छाका बहादुर लामा (निर्दलीय) भी सदन में शामिल हैं। वहीं, 4 सदस्य निलंबित चल रहे हैं और एक सदस्य का निधन हो चुका है। इससे कुल सदस्यों की संख्या 270 रह जाती है।
किस खेमे में कितने समर्थक?
बहुमत से सरकार बनाने के लिए सदन के 136 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। ऐसे में अगर ओली पार्टी को विभाजित करते हैं और माधव कुमार और दहल के खेमे को 42 सदस्यों का समर्थन मिल जाता है, तो ओली की कुर्सी पर खतरा हो सकता है, भले ही निर्दलीय सदस्य ओली को समर्थन दें। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि ओली के समर्थन में कितने सदस्य हैं और दहल के समर्थन में कितने।
…तो बन जाएगी दहल-माधव सरकार
पार्टी के अंदर के नेताओं का कहना है कि ओली के खेमे में 40% (108) सदस्य हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो दहल-माधव के लिए बहुमत हासिल कर सरकार बनाना आसान हो सकता है। दहल और माधव की पार्टी नेपाली कांग्रेस या JSP और निर्दलीय सदस्यों के समर्थन से सरकार बना सकती है। हालांकि, अगर नेपाली कांग्रेस सहमत हो जाए तो ऐसा भी हो सकता है कि ओली की पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन कर ले।