पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प (Clash Between India China) के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 19 जून को शाम पांच बजे सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलाई है। इसमें सभी प्रमुख दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत वैसे तो शांति चाहता है लेकिन अगर उकसाया जाएगा तो जवाब जरूर दिया जाएगा। हम देश की अखंडता के साथ समझौता नहीं करते है। दूसरी ओर, सूत्रों के मुताबिक इंडियन आर्मी ने सभी जवानों की छुट्टियां कैंसल कर दी हैं। इसके अलावा चीन से निपटने के लिए जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं।
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसी में तीनों सेनाओं का अलर्ट पर रखने का फैसला लिया गया। सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है। भारतीय वायु सेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में LAC और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है। सूत्रों ने कहा कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है।
LAC पर चीन के साथ बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा है। इकोनॉमिक टाइम्स को मिली जानकारी के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को तालमेल बिठाने और जरूरत के मुताबिक प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए हैं। इसी के मद्देनजर नौसेना को चीन से मुकाबले के लिए मलक्का स्ट्रेट के पास, या फिर जरुरत के मुताबिक काउंटर के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कहीं भी तैनाती को लेकर आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए हैं। नौसेना ने युद्धपोत और जहाजों के साथ समुद्री सीमाओं पर अपनी पैनी नजर बना ली है।
नेवी के साथ-साथ वायु सेना ने भी जरूरी कदम उठाए हैं। चीन सीमा पर गंभीर स्थिति को देखते हुए फाइटर प्लेन की तैनाती को और आगे बढ़ाया गया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की छुट्टियां कैंसिल कर दी है। केंद्र सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को हथियारों की खरीद करने की छूट दी है। लद्दाख में चल रहे विवाद को पीछे छोड़ने के लिए भारत ने बातचीत की पेशकश की थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सोमवार रात हुई हिंसा के बाद सरकार इसमें कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती है। यही वजह है कि चीन को लेकर सरकार ने नई रणनीति तैयार की है।
लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उकसाए जाने पर भारत की ओर से जवाब जरूर दिया जाएगा। पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत शांतिपूर्ण देश है। इतिहास भी इस बात का गवाह है कि हमने विश्व में शांति फैलाई। पड़ोसियों के साथ दोस्ताना तरीके से काम किया। मतभेद हुए भी तो कोशिश की है कि विवाद न हो। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं लेकिन अपने देश की अखंडता के साथ समझौता भी नहीं करते।
इस बातचीत में दोनों पक्षों ने खूनी संघर्ष से पैदा हुई गंभीर परिस्थिति से पार पाने के लिए मिलिट्री कमांडरों के बीच हुई बातचीत में बनी सहमति के मुताबिक आगे का रास्ता तय करने पर हामी भरी। ध्यान रहे कि सोमवार को हुई खूनी झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए। वहीं, चीन के 43 सैनिकों को मारे जाने की खबर आ रही है। यह हालत तब रही जब भारतीय सैनिकों के मुकाबले चीनी सैनिकों की संख्या पांच गुना थी।