भारत के साथ लद्दाख में सीमा पर तनाव बढ़ाना चीन को अब महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है। अपनी दादागिरी और विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात चीन अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में घिरता जा रहा है। साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास कर रहे चीन को फिलीपींस ने दो टूक लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बता दें कि चीन और फिलीपींस में साउथ चाइना सी को लेकर हाल के दिनों में विवाद बढ़ गया है।
फिलीपींस के क्षेत्र में युद्धाभ्यास कर रहा चीन
फिलीपींस के विदेश सचिव तियोदोरो लोक्सिन जूनियर ने कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 1 जुलाई से पेरासेल द्वीप समूह के आसपास नौसेना अभ्यास कर रही है। इस कारण उस क्षेत्र में सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों को चीनी सेना ने रोक दिया है। इतना ही नहीं, यह युद्धाभ्यास फिलीपींस की समुद्री सीमा में भी किया जा रहा है।
फिलीपींस और चीन में तनाव बढ़ा
उन्होंने पूछा कि क्या चीन को यह युद्धाभ्यास फिलीपींस के क्षेत्र में करना चाहिए। चीन को यह आभास है कि इसकी राजनयिक और गंभीर प्रतिक्रिया होगी। हमें जो उचित लगेगा हम करेंगे। इसके पहले फिलीपींस ने चीन के दो जिलों को लेकर अपना कूटनीतिक विरोध दर्ज करवाया था। साउथ चाइना सी में स्थित पेरासेल द्वीप समूह को लेकर चीन और वियतनाम के बीच विवाद है।
चीन को फिलीपींस ने दिया जोरदार झटका
कुछ दिनों पहले ही चीन के विस्तारवादी मानसिकता पर पानी फेरते हुए फिलीपींस ने अमेरिका के साथ अपने सैन्य संबंधों को बढ़ाने का फैसला किया है। फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे ने अमेरिका के साथ दो दशक पुराने विजिटिंग फोर्सेज एग्रीमेंट (VFA)को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें कि 2016 में सत्ता में आने के बाद से रोड्रिगो डुटर्टे का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा था। जिस कारण अमेरिका से फिलीपींस की तल्खियां भी बढ़ी।
बेस हटाने की तैयारी में था अमेरिका
फिलीपींस के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने मनीला के पास स्थित अपने सैन्य बेस को वियतनाम में शिफ्ट करने का ऐलान कर दिया था। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण बदली परिस्थितियां, देश में चीन का व्यापक विरोध और बिगड़ती अर्थव्यवस्था ने रोड्रिगो डुटर्टे को अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। जिसके बाद से उन्होंने अमेरिका के साथ सैन्य बेस को बनाए रखने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया।
इसलिए अमेरिका के नजदीक पहुंचा फिलीपींस
फिलीपींस चीन के साथ गठबंधन करने का उद्देश्य अपने देश के हितों की रक्षा और चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना है। क्योंकि, फिलीपींस यह जानता है कि सैन्य और आर्थिक शक्ति के मामले में वह चीन के सामने कुछ नहीं है। मनीला और वाशिंगटन के राजनयिकों ने विजिटिंग फोर्सेज एग्रीमेंट (VFA) को फिर से लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई है।