के मृत पत्रकार की हाई प्रोफाइल हत्या के मामले में की अदालत सुनवाई कर रही है। इस दौरान कोर्ट में पेश हुए इस्तांबुल के सऊदी वाणिज्यिक दूतावास में कार्यरत एक तकनीशियन ने दावा किया कि हत्या वाले दिन उसे तत्काल ओवन जलाने के निर्देश दिए गए थे। तकनीशियन ने यह भी कहा कि उस समय जमाल खशोगी को दूतावास में घुसे एक घंटे का समय ही हुआ था।
सभी आरोपी तुर्की की हिरासत से दूर
बता दें कि तुर्की की कोर्ट वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार और सऊदी प्रशासन के घोर आलोचल जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी अरब के युवराज के दो पूर्व सहयोगियों और 18 अन्य सऊदी संदिग्धों की गैर-मौजूदगी में मुकदमे की सुनवाई कर रही है।
20 सऊदी नागरिक हैं आरोपी
इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हुई खशोगी की निर्मम हत्या के मामले में तुर्की के अभियोजकों ने 20 सऊदी नागरिकों को आरोपी बनाया है। मामले में सऊदी युवराज भी संदेह के दायरे में हैं। आरोपी तुर्की छोड़ चुके हैं और अभियोजकों ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दिए जाने का आग्रह किया है।
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दूर जलाने का दिया गया था आदेश
तकनीशियन ज़ेकी डेमीर ने कोर्ट में कहा कि खशोगी के दूतावास में प्रवेश करने के कुछ ही देर बाद उन्हें बुलावा भेजा गया था। डेमीर के अनुसार, वहां चार से पांच लोग खड़े थे। जिन्होंने तुरंत तंदूर जलाने का आदेश दिया। वे लोग घबराए से दिख रहे थे। डेमिर ने दूतावास के बगीचे में ओवन के अलावा मांस के कई कटोरे और एक छोटे से बारबेक्यू को देखा था।
संगमरमर के स्लैब को साफ किया गया था
उन्होंने यह भी दावा किया कि ओवन के चारों ओर का संगमरमर के स्लैब का रंग भी काफी अलग दिखाई दे रहा था। जैसे किसी ने उसे तुरंत की केमिकल से साफ किया हो। वहीं दूतावास के एक ड्राइवर ने कहा कि उसे बाजार से उसी समय कच्चे कबाब खरीदने को कहा गया था।