चीन को बिजनस की चिंता, 'कदम उठाने को तैयार'

लेह
लद्दाख सीमा पर भारत के साथ तनाव के बीच चीन ने शुक्रवार को कहा कि द्विपक्षीय सहयोग पर आर्टिफिशल ब्लॉक से भारत के हितों को नुकसान होगा और दोनों देशों को सीमाक्षेत्र में शांति कायम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिझियान ने कहा है कि पेइचिंग भारत में चीनी व्यापार के अधिकारों को कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। लद्दाख में 15 जून को हुई झड़प के बाद भारत ने पिछले दिनों चीन के 59 इंटरनेट बेस्ड ऐप बैन कर दिए थे।

रोका गया था चीन का शिपमेंट
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये कहा। झाओ से सीमा विवाद के बीच भारत के चीनी आयात की अतिरिक्त जांच को लेकर सवाल किया गया था। बता दें कि लद्दाख तनाव के बाद से दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की 3 वार्ता हो चुकी हैं। 30 जून को हुई वार्ता को चीन के विदेश मंत्रालय ने सकारात्मक प्रगति बताया था। इसके बाद भारत के कस्टम अधिकारियों ने बंदरगाहों पर चीन के शिपमेंट को रोक लिया था औक सीमा विवाद के चलते अडिशनल क्लियरेंस मांगे गए। बिना किसी औपचारिक आदेश के यह कदम उठाए गए।

‘दोनों देश तय करें आधा-आधा रास्ता’
जब झाओ से पूछा गया कि क्या भारत का आर्थिक उठाना ठीक है, तो उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश आधा-आधा रास्ता तय करें और तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य समझौते किए जाएं ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे। दो बड़े विकासशील देशों के तौर पर दोनों का मकसद आर्थिक विकास और राष्ट्रीय जीर्णोद्धार है। इसलिए एक-दूसरे का सम्मान और समर्थन करना सही है और लंबे समय के लिए दोनों के हितों को भी जगह देनी चाहिए।

‘स्थिति को जटिल बनाने के लिए न उठाएं कदम’
झाओ ने कहा कि भारत को मौजूदा हालात का गलत आकलन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर शांति और स्थिरता स्थापित करना चाहता है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को लद्दाख दौरे पर उन्होंने कहा कि दोनों देश सीमा पर विवाद सैन्य समझौते के जरिए सुलझा लेंगे और दोनों को ही ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे हालात और जटिल हों। उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच व्यावहारिक सहयोग से दोनों के लिए फायदा होगा और चीन भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय रिश्ते बनाए रखना चाहता है।

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