उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत का जिम्मेदार विकास दुबे राजनीतिक सरपरस्ती में पला बढ़ा था। राजनीतिक गलियारों में अच्छी पकड़ होने की वजह से विकास पुलिस से खुद को बचाकर रखे हुए था। विभिन्न राजनीतिक दलों में उसकी आज भी पकड़ है। राजनीतिक दलों की सरपरस्ती की कीमत यूपी पुलिस के 8 पुलिसकर्मियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। शहीद पुलिसकर्मियों के घरों में मातम छाया है।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में रहने वाला विकास दुबे चौबेपुर विधानसभा से पूर्व विधायक हरिकिशन श्रीवास्तव का करीबी था। हरिकिशन श्रीवास्तव जनता पार्टी, जनता दल और बीएसपी से विधायक रहे चुके हैं। उस वक्त हरिकिशन श्रीवास्तव राजनीतिक गलियारों में बड़े नेता माने जाते थे। पूर्व विधायक का जो काम कोई नहीं कर पाता था वो विकास दुबे चुटकियों में कर देता था। विकास दुबे का मुख्य काम रंगदारी वसूलना था।
दर्जाप्राप्त श्रममंत्री की हत्या कर बटोरी थी सुर्खियां
विकास दुबे ने बीजेपी नेता और प्रदेश सरकार में तत्कालीन श्रममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर सुर्खियों में आया था। प्रदेश में बीसपी और बीजेपी की सरकार थी और विकास ने 2003 में शिवली थाने में घुसकर श्रममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। विकास दुबे हत्या के बाद फरार हो गया था। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। सभी पार्टियों के नेताओं की जुबान में विकास दुबे का नाम रट गया था।
राजनीतिक पार्टियों के नेता एनकांउटर से बचाते रहे
विकास दुबे ने अपराध की दुनिया में कम समय में बड़ा नाम कमा लिया था। शहर के विभिन्न थानों में उस वक्त दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे। पुलिस ने कई बार विकास दुबे के एनकांउटर की योजना बनाई थी, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के दबाव में पुलिस एनकांउटर करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। विकास दुबे पर जिले के एक पूर्व सांसद का भी संरक्षण प्राप्त था।
बीएसपी से जुड़ा रहा था विकास
विकास दुबे के नाम का ऐसा खौफ था कि वो जहां खड़ा हो जाता था उसके सामने किसी के खड़े होने की हिम्मत नहीं होती थी। बीएसपी से जुड़ने के बाद विकास दुबे जिला पंचायत सदस्य भी रहा था। प्रदेश से बीएसपी की सरकार जाने के बाद, वो गुमनामी की दुनिया में खो गया था। इसके बाद विकास दुबे की पत्नी निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी।
बावरिया गिरोह ने की थी विकास के भाई की हत्या
विकास दुबे के भाई के छोटे अविनाश दुबे की हत्या बावरिया गिरोह ने की थी। भाई की हत्या और परिवारिक विवाद के चलते विकास दुबे कमजोर पड़ गया था। इसी बीच उसके साले राजू खुल्लर ने सहारा दिया था। राजू खुल्लर का भी अपराधिक इतिहास है। वहीं विकास दुबे का बर्रा में एक केबल ऑपरेटर की हत्या में भी आया था।