पवित्र सावन महीने में देवघर में लगने वाले श्रावणी मेले को लेकर () ने अहम फैसला सुनाया है। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि कोरोना काल में श्रावणी मेला () संभव नहीं है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए वर्चुअल (ऑनलाइन) दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।
श्रावणी मेले को लेकर हाईकोर्ट का फैसला
एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने बताया कि हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद शुक्रवार सुबह भी प्रदेश सरकार से ये जानने की कोशिश की, श्रावणी मेले को लेकर क्या संभव हो पाएगा। राज्य सरकार की ओर से सचिव अमिताभ कौशल ने कोर्ट को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में श्रावणी मेला संभव नहीं है। जिसके बाद कोर्ट ने याचिका पर अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि इस साल श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होगा। श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे।
बाबा भोलेनाथ के ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
एडवोकेट जनरल ने बताया कि कोरोना को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बीच भी मंदिर में पूजा-अर्चना जारी है, मंदिर बंद नहीं हुआ है। पुजारियों की ओर से पूजा अर्चना की जा रही है, सिर्फ श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। उन्होंने बताया कि सावन महीने की शरूआत के साथ ही बाबाधाम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए सरकार और प्रशासन की ओर से समय रहते सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएगी।
बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने दायर की थी याचिका
दरअसल, गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इसमें देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम और दुमका के वासुकिनाथधाम मंदिर में श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की इजाजत देने मांग की गई थी। इसके साथ ही श्रावणी मेले का आयोजन करने की अनुमति देने की भी मांग की गई थी।