जब हैडली ने पकड़ा था 'कैच ऑफ द सेंचुरी'

नई दिल्ली
आज सर का जन्मदिन है। उन्हें क्रिकेट की दुनिया के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाजों में शामिल किया जाता है। न्यूजीलैंड के इस दिग्गज क्रिकेटर का जन्म 3 जुलाई 1951 को ऑकलैंड में हुआ था। उनकी रफ्तार, एक्सूरेसी और लगातार गेंदबाजी करने की क्षमता ने कीवी टीम को नए मुकाम पर पहुंचाया। लंबे समय तक वह न्यूजीलैंड की गेंदबाजी आक्रमण की बागडोर अकेले संभाले रहे।

टेस्ट में 400 विकेट लेने वाले पहले बोलर
टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले वह पहले गेंदबाज थे। भारत के संजय मांजरेकर हैडली के 400वें शिकार बने थे। उन्होंने 86 टेस्ट मैचों में 431 विकेट लिए।

पकड़ा ‘कैच ऑफ द सेंचुरी’
न्यूजीलैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में तब तक कोई टेस्ट मैच नहीं जीता था। सन 1985-86 में ब्रिसबेन में उन्होंने गेंद से धमाल किया और पहली पारी में 52 रन देकर नौ विकेट लिए। उन्होंने मैच में कुल 15 विकेट अपने नाम किए। क्रिकेट के इतिहास का दूसरा पारी में 10 विकेट हैडली के ही नाम होता अगर उन्होंने शानदार कैच लपककर वॉन ब्राउन को उनका पहला टेस्ट विकेट न दिलवाया होता। उनके इस निस्वार्थ खेल के लिए इसे ‘कैच ऑफ द सेंचुरी’ भी कहा गया।

गेंदबाजी में कमाल
हेडली ने टेस्ट क्रिकेट में 36 बार पारी में पांच विकेट लिए यह किसी तेज गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कहा जाएगा। 36 में से 21 पारी में 5 विकेट विदेशी धरती पर आए। यह मुरलीधरन के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है हालांकि तेज गेंदबाजों के लिहाज से देखें तो यह बेस्ट है।

बल्ले से भी उपयोगी प्रदर्शन
रिचर्ड हैडली ने 86 टेस्ट मैचों में 50.8 के स्ट्राइक रेट से 431 विकेट तो लिए ही साथ ही 3124 रन भी बनाए। इसके अलावा वनडे मे भी उनके नाम 158 विकेट और 1751 रन रहे।

परिवार में कई क्रिकेटर
हेडली के पिता वॉल्टर हेडली ने न्यूजीलैंड के लिए 11 टेस्ट मैच खेले। वहीं पत्नी केरेन हेडली ने भी कीवी टीम का प्रतिनिधित्व किया। रिचर्ड हैडली कुल पांच भाई थे जिनमें से बैरी हैडली और डेरल हैडली ने भी न्यूजीलैंड की टीम का हिस्सा रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *