नवंबर का पहला हफ्ता खत्म होने के साथ ही राजधानी में जाड़ा दस्तक देने लगा था। पर उस जाड़े पर भारी थी यहां पर 10-14 नवंबर, 1948 को होने वाले भारत-वेस्ट इंडीज टेस्ट मैच की गर्मी। मेहमान टीम में ‘थ्री डब्ल्यू’ के नाम से क्रिकेट की दुनिया में मशहूर हो गई एवर्टन वीक्स, फ्रेंक वारेल, क्लाइड वाल्कॉट की तिकड़ी थी।
कौतूहल ‘थ्री डब्ल्यू’ को देखने का‘थ्री डब्ल्यू’ किसी भी टीम की गेंदबाजी को धराशायी करने में सक्षम थे। उस तिकड़ी के अंतिम सदस्य वीक्स का बुधवार को निधन हो गया। वीक्स और क्लाइड वाल्कॉट दिल्ली के कोटला मैदान में सबसे पहले टेस्ट शतक मारने वाले बल्लेबाज थे। उनके बाद यहां दर्जनों बल्लेबाजों ने बेहतरीन पारियां खेलीं पर पहली दो सैंचुरी बनाने का श्रेय विक्स और वाल्कॉट को जाता है। कहते हैं, चूंकि दिल्ली पहली बार अश्वेत खिलाड़ियों को देख रही थी इसलिए एक कौतूहल का भाव भी था।
बेकाबू होते दिल्ली के फैन्स
एवर्टन वीक्स, फ्रेंक वारेल, क्लाइड वाल्कॉट की बल्लेबाजी को देखने के लिए बेकाबू हो रही थी दिल्ली। यहां क्रिकेट का बुखार सिर चढ़कर कर बोल रहा था। हालांकि तब तक दिल्ली देश के विभाजन के कारण उत्पन्न कठिन हालातों से उबरी नहीं थी। यहां पर सरहद के उस पार से शरणार्थी आ रहे थे। पर दिल्ली में हो रहे पहले क्रिकेट टेस्ट मैच को देखने के लिए लगातार पांचों दिन यहां पर दसेक हजार दर्शक पहुंचे थे। उनमें रवि चतुर्वेदी भी थे, जिन्होंने आगे चलकर 100 से ज्यादा क्रिकेट टेस्ट मैचों की रेडियो पर कमेंट्री सुनाई।
रवि चतुर्वेदी बताते हैं कि वेस्ट इंडीज के कप्तान जे.ई.गोमेज ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम के कप्तान लाला अमरनाथ थे। वे सिविल लाइंस से दोस्तों के साथ कोटला आए थे। उन्हें याद है कि वेस्ट इंडीज की तरफ से विक्स (128) और वालक्ट ने 153 रनों की धुंआधार पारी खेली थी। मेहमान ने कुल 631 रन बनाए। भारत की तरफ से सी.रंगाचारी, वीनू मांकड, लाला अमरनाथ वगैरह ने कायदे की गेंदबाजी तो की पर वेस्ट इंडीज के बल्लेबाजों को रोकना कोई बच्चों का खेल नहीं था।
कोटला में किसका टूटा स्टंप रखा थावेस्ट इंडीज की टीम में अश्वेत डान ब्रेंडमेन कहे जाने वाले महान बल्लेबाज भी थे। उन्हें भारत के तेज गेंदबाज रंगाचारी ने सस्ते में क्लीन बोल्ड किया। इस क्रम में हैडली की स्टंप दो फाड़ हो गई थी। वह स्टंप लंबे समय तक में डीडीसीए अध्यक्ष के कमरे में रखी हुई थी। अब सुना है कि वह ऐतिहासिक विकेट गुम हो चुकी है। हालांकि एक जमाने में डीडीसीए अध्यक्ष राम प्रकाश मेहरा उस टूटी हुई स्टंप को मेहमानों को फख्र के साथ दिखाते थे।
कितने ऑटोग्राफ दिल्ली को दिए थे वीक्स ने
वीक्स ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान अपने सैकड़ों चाहने वालों को ऑटोग्राफ दिए थे। मेहमान टीम ओबरॉय मेंडिस में ठहरी थी। रवि चतुर्वेदी पिछले साल वीक्स से उनके बारबोडास स्थित घर में मिले थे। रवि जी को वीक्स ने बताया था कि उन्होंने सर्वाधिक ऑटोग्राफ दिल्ली में ही दिए थे 1948 में। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उनके इतने चाहने वाले दिल्ली में होंगे।
जुझारू बल्लेबाजी की टीम इंडिया ने वेस्ट इंडीज के पहाड़ जैसे स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने दिल्ली को अपनी जुझारू बल्लेबाजी से खुश कर दिया था। हालांकि पहले तो लग रहा था कि भारतीय बल्लेबाज वेस्ट इंडीज टीम के गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सकेंगे। पर हेमू अधिकारी 114, के.सी. अब्राहिम 85, लाला अमरनाथ 62 के सहयोग से भारत ने 454 रन बनाए। इसके साथ ही मैच ड्रा की तरफ बढ़ गया।