कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन से प्रभावित गरीब और मजदूरों को मदद पहुंचाने के लिए मोदी सरकार 20 जून को एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करेगी। पीएम मोदी खुद इस योजना को लांच करेंगे। गरीब कल्याण रोगजार अभियान के नाम से शुरू होने वाली योजना से मूल रूप से ग्रामीण इलाकों के गरीबों को अधिक लाभ होगा।
इस योजना में खास रिवर्स माइग्रेशन के तहत अपने गांव लौटने वाले कामगारों के लिए खास प्रावधान होंगे ताकि उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट नहीं हो।
सरकार के अनुसार यह अभियान 125 दिनों का होगा जो मिशन में चलेगा। इसमें 25 तरह के कामों की लिस्ट बनाई गई है जिसके अंतर्गत घर लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा। इसपर पचास हजार करोड़ खर्च किये जाएंगे। यह केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है।
सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत 120 जिलों के लगभग 60 लाख कामगारों पर फोकस होगा। सरकार इस योजना के तहत पूरे देश में 120 जिलों पर खास फोकस करेगी है जहां कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन के बाद सबसे अधिक प्रवासी कामगार पहुंवे। इनमें पचास से अधिक जिले बिहार और उत्तर प्रदेश में हैं। अधिकारियों ने कहा कि बिहार,उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य जिन्होंने अपने यहां गए प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग की है,उसके डेटा का भी विश्लेषण किया जाएगा। उसी आधार पर योजना के तहत कामों का बंटवारा होगा।
मालूम हो कि लॉकडाउन के बाद पूरे देश में रिवर्स माइग्रेशन का बहुत बड़ा दौर देखा गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह की विपदा देखी गई और महज एक महीने के अंदर लगभग एक करोड़ प्रवासी मजबूरी में अपने-अपने घरों तक पहुंचे। इससे लॉकडाउन हटने के बाद उद्योग धंधा चलाने के जिए मजदूरों का संकट भी पैदा होने की आशंका बतायी जा रही है। साथ ही इन मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।