मोदी ने पुतिन को मिलाया फोन, जानें क्या बात हुई

नई दिल्ली
रूस के इतिहास में आज खास दिन है, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से बात की। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ पर रूस को बधाई दी। इसके साथ ही पुतिन को 2036 तक के लिए राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई भी दी। जीत के बाद पुतिन को फोन मिलानेवाले मोदी पहले ग्लोबल लीडर थे।

बता दें कि ऐसा संविधान में संसोधन के बाद हुआ है। रूस में पिछले दिनों इसके लिए वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे अब आ गए हैं। पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे। चीन से गतिरोध के बीच पुतिन का यह बयान अहम है।

इस मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। पुतिन ने इस बात को दोहराया कि सभी क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच विशेषाधिकार रणनीतिक साझेदारी को निभाने के लिए रूस प्रतिबद्ध है। चीन से गतिरोध के बीच रूस से भारत को जल्द S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम देने की बात कही है। भारत और रूस के बीच 2018 में दुनिया के सबसे अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डील 5 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी। भारत ने इसकी पांच यूनिट्स खरीदने का करार किया है। इसके अलावा भारत रूस से 33 फाइटर जेट खरीद रहा है। भारत ने टी-90 टैंक के महत्‍वपूर्ण कलपुर्जों को लेकर भी रूस से बात की है।

पढ़ें-

बातचीत में पीएम मोदी ने रूस के मिलिट्री डे परेड (24 जून 2020) का भी जिक्र किया, जिसमें भारतीय सैनिकों ने भी हिस्सा लिया था। मोदी ने कहा कि यह दोनों देशों की दोस्ती का प्रतीक था। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच कोरोना वायरस पर भी बातचीत हुई।

2036 तक अब पुतिन ही राष्ट्रपति
रूस में हुई हालिया वोटिंग व्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आई है। व्लादिमीर पुतिन अब 2036 तक सत्ता में काबिज रह सकेंगे। वहां की जनता ने इस संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी है। दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2036 तक पद पर बने रहने का प्रावधान करने वाले संविधान संशोधन कानून पर जनता की राय मांगी गई थी। इस वोटिंग में जनता ने संसोधन की मंजूरी दी।

अब संविधान संशोधन कानून के जरिए पुतिन का वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें छह छह साल के दो अतिरिक्त कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद मिलना तय है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से वोटिंग स्लो भी हुई। बूथ पर लोगों की भीड़ नहीं लगाई गई। पूरी वोटिंग एक हफ्ते में हो पाई। संविधान में किए गए संशोधनों के लिए जनता को विश्वास में लेने के वास्ते पुतिन ने बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *