अफगान-पाक सीमा आतंक का गढ़: US

वॉशिंगटन
अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन (Pentagon) ने अफगानिस्तान पर जारी अपनी रिपोर्ट में अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा क्षेत्र को आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित ठिकाना बताया है। वहीं, अफगानिस्तान की ऐसे हालात में शांति प्रक्रिया में मदद करने के लिए भारत की सराहना की है। इससे पहले अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने आतंकवाद पर अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि वह अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकियों पर नकेल कसने में नाकाम रहा है।

अफगानिस्तान की मदद कर रहा भारत
ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अफगानिस्तान सरकार और अफगान पावर ब्रोकर्स के साथ मिलकर अलग-अलग देशों में आतंकियों के लिए बने सुरक्षित ठिकानों को रोकने और अफगानिस्तान को सेंट्रल एशिया के मार्केट का गेटवे बनाने में मदद कर रहा है। भारत सरकार तालिबान का राजनीतिक समर्थन नहीं करती है और अफगान सरकार का समर्थन कर रही है।

भारत की मदद की सराहना
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत ने अफगान के नेतृत्व में, उसके नियंत्रण में और उसके अधिकार में शांति प्रक्रिया को समर्थन पर जोर दिया है। भारत के पारंपरिक रूप से अफगानिस्तान के साथ संबंध रहे हैं और वह सबसे बड़ा क्षेत्रीय डोनर (2001 से अब तक 3 अरब डॉलर) रहा है। भारत की अफगानिस्तान की मदद चारों क्षेत्रों पर केंद्रित रहती है- मानवीय सहयोग, बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट, छोटे और समुदाय पर आधारित प्रॉजेक्ट, शिक्षा और क्षमता विकास। अफगानिस्तान में सुरक्षा के हालात बिगड़ने से भारत की मदद देने की क्षमता पर भी नकरात्मक असर हो सकता है।’

अफगानिस्तान, पाकिस्तान के लिए खतरा
वहीं, रिपोर्ट में अल-कायदा कोर, भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और ISIS- खोरासान आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया है कि जो इस क्षेत्र में पनप रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है आतंकी ठिकाने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के दोनों और दोनों देशों के लिए सिक्यॉरिटी की चुनौतियां पेश कर रहे हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचा रहे हैं और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को भी खतरे में डाल रहे हैं।

अफगानिस्तान की मदद करेगा अमेरिका
अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका की चिंता पर रिपोर्ट में कहा गया है कि वॉशिंगटन चाहता है कि देश को फिर कभी आतंकियों के ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल न किया जाए जहां से अमेरिका या उसके सहयोगी देशों या विदेश में हमले हों। इसलिए अमेरिका अफगान रकार को इस जंग को खत्म करने के लिए राजनीति समाधान निकालने में मदद करेगी।

स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में पाकिस्तान की आलोचना
इससे पहले अमेरिका की स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान में भारत, अफगानिस्तान और श्रीलंका में आतंकी हमले करने वाले संगठनों पर नकेल कसने के लिए कदम नहीं उठाए गए। यहां अभी भी 2008 के मुंबई हमलों का दोषी मसूद अजहर और 2019 के पुलवामा हमले का दोषी साजिद मीर खुले घूम रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान ने भारत को निशाना बना रहे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को अपनी जमीन से ऑपरेट करने दिया।

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