शिवराज कैबिनेट के विस्तार के बाद राज्यसभा सांसद पूरे फॉर्म में नजर आए हैं। राजभवन से बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की। उसके बाद कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया है। अपने ऊपर लग रहे आरोपों को कांग्रेस को तीखा जवाब दिया है। बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार एमपी कांग्रेस के नेताओं पर नाम लेकर वार किया है।
बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कभी भी और का नाम लेकर वॉर नहीं किया था। मंत्रियों की शपथ के बाद उन्होंने जम कर कांग्रेस की खैर खबर ली है। कांग्रेस की सरकार गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका अहम रही है। ऐसे में कांग्रेस नेता सिंधिया के लिए गद्दार जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। सिंधिया ने कहा कि मैं 3 महीने तक शांत रहा हूं, लेकिन कांग्रेस के लोग मेरी छवि धूमिल करते रहे हैं।
दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर गरजे
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा कि मुझे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। देश की जनता के सामने तथ्य है कि इन लोगों ने किस तरह से प्रदेश का भंडार लूटा है। वादाखिलाफी का लोगों ने इतिहास देखा है। समय आएगा तो मैं जवाब दूंगा। इन दोनों को मैं यहीं कहना चाहता हूं, टाइगर अभी जिंदा है।
कांग्रेस खुद महामारी से जूझ रही है
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने कोरोना महामारी के दौरान कुछ नहीं किया है। कोरोना के दौरान मैंने एक-एक खाने के पैकेट का वितरण किया है। मैंने सीएम रिलीफ फंड में राशि दी है। बाहर फंसे एमपी के लोगों को मैं लाया हूं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूछा कि कोरोना महामारी के दौरान कांग्रेस के क्या कर रही थी। एक व्यक्ति की भी इन लोगों ने मदद नहीं की है।
सिर्फ राजनीतिक कर रही है कांग्रेस
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोरोना काल में कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है। कांग्रेस इस दौर में अपनी महामारी का सामना कर रही है। इन लोगों ने एमपी में कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से एमपी के लिए कभी कोई दिक्कत नहीं है।
जनसेवकों की सरकार है
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये जनसेवकों की सरकार है। सिंहासन पर बैठने वाले लोगों की सरकार नहीं है। 15 महीने में कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश को नुकसान पहुंचाया था। अब जनसेवकों की टीम पूर्ण रूप मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित कर दिखाएगी। 100 दिन में ने जो कर दिखाया है, उसके लिए मैं साधुवाद देना चाहता हूं। कमलनाथ ने कोरोना के लिए एक बैठक नहीं की थी।