मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के आज हुए विस्तार में विंध्य क्षेत्र से अकेले राम खेलावन पटेल ही मंत्री बने हैं। प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले इस इलाके की राजनीति में ये बड़ा बदलाव है। राजेंद्र शुक्ला और गिरीश गौतम जैसे वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर पटेल को मंत्री बनाना बीजेपी के लिए पार्टी के नए नेताओं को आगे लाने की रणनीति का हिस्सा है और इससे विंध्य क्षेत्र की राजनीति में बड़े बदलाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
दरअसल, शिवराज कैबिनेट के इस विस्तार में सबसे ज्यादा ध्यान प्रदेश में होने वाले उपचुनावों का रखा गया है। इसलिए, कैबिनेट में सबसे ज्यादा भागीदारी ग्वालियर-चंबल संभाग के नेताओं की है। उपचुनाव की 24 में से 16 सीटें चंबल संभाग में ही हैं। शायद इसकी कीमत विंध्य क्षेत्र को चुकानी पड़ी है और बड़े-बड़े नेताओं को मंत्री पद से दूर रहना पड़ा है।
दूसरी बार विधायक बने हैं पटेल
रामखेलावन पटेल इस बार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने चुनावों में विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह को हराया था। पटेल को सतना के सांसद गणेश सिंह का समर्थक माना जाता है।
ये भी थे दावेदार
विंध्य क्षेत्र से मंत्री बनने के दावेदारों में कई बड़े नाम शामिल थे। पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का इसमें पहला नाम है। शुक्ला सीएम चौहान के भी करीबी माने जाते हैं और पहले उनकी कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं। इसी तरह खजुराहो के सांसद रह चुके नागेंद्र सिंह नागौद का नाम भी दावेदारों की लिस्ट में था। नागौद पूर्व सांसद सुखेंद्र सिंह के भांजे हैं और आरएसएस में उनकी अच्छी पैठ है। वे प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री पहले रह चुके हैं, लेकिन इस बार मंत्री पद का सुख नहीं मिल पाया। चौथी बार विधायक बने गिरीश गौतम भी मंत्री बनने के लिए लॉबिंग कर रहे थे। गौतम मध्य प्रदेश के दिवंगत विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को चुनाव हराकर चर्चा में आए थे। सीधी जिले चौथी बार विधायक बने केदारनाथ शुक्ला भी दबंग नेता माने जाते हैं और बेबाकी से अपनी बात रखते हैं, लेकिन सीधी सांसद रीति पाठक से 36 का आंकड़ा संभवतः उनके शपथ ग्रहण में आड़े आ गया।