जम्मू-कश्मीर के सोपोर में बुधवार को आतंकी हमले में एक सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया जबकि तीन जवान घायल हो गए। हमले में एक नागरिक की जान भी चली गई। नागरिक का तीन साल का नाती भी फंस गया था जिसे सुरक्षाबलों ने जान पर खेलकर बचाया। वहीं सीआरपीएफ की गोली से नागरिक की जान जाने की बात को ने खारिज किया है।
सीआरपीएफ एडीजी जुल्फिकार हसन ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था। वह रोड काफी व्यस्त रोड है और दुर्भाग्य से वह नागरिक आतंकियों की फायरिंग में फंस गया। आतंकियों ने उसे मार दिया।’
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‘पूरी जिम्मेदारी से यह बात कहता हूं’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ लोग मामले को घुमाने की कोशिश कर रहे हैं यह कहकर कि सीआरपीएफ उस नागरिक को गाड़ी से बाहर निकाला और गोली मार दी। यह बिल्कुल गलत है। मैं उस जगह पर गया था, लोगों से बात की, कई सारी टेक्निकल जानकारी और कैमरे की जांच के बाद पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि नागरिक की जान आतंकियों की गोली से गई।’
‘मस्जिदों के अंदर छिपे आतंकियों ने गोली मारी’
सीआरपीएफ एडीजी ने कहा, ‘हमें पता है कि वहां क्या हुआ था। इसलिए मैं लोगों से गुजारिश करूंगा कि उन्हें आतंकियों को इसके पीछे जिम्मेदार ठहराना चाहिए क्योंकि वे मस्जिदों के अंदर छिपे थे। बुजुर्ग नागरिक की मस्जिद में छिपे आतंकी ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसमें सीआरपीएफ के शामिल होने का सवाल नहीं उठता। वास्तव में सीआरपीएफ ने बहुत संयम के साथ ऑपरेशन संभाला ताकि मस्जिद में कोई नुकसान न हो।’
उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस आईजी के साथ सुरक्षाबलों ने हमले में शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि बुधवार को सोपोर में आतंकियों ने CRPF के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था। दोनों तरफ से गोलीबारी में CRPF का एक जवान शहीद हो गया जबकि आतंकियों ने एक आम नागरिक की भी हत्या कर दी। जिस शख्स की हत्या हुई वह अपने नाती को लेकर कहीं जा रहे थे।
सुरक्षाबलों ने मासूम को बचाया
गोली लगने के बाद शख्स जमीन पर गिरा हुआ था। खून से लथपथ शरीर के पास उनका नाती बैठा रहा। सोशल मीडिया पर यह दिल दहलाने वाली तस्वीर सामने आई। जानकारी के मुताबिक, एनकाउंटर शुरू होने से पहले ही आतंकियों ने बच्चे के नाना को गोली मार दी। बच्चे को बचाने के बाद उसके घर पहुंचा दिया गया है।