जमात सदस्यों पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दो टूक

नई दिल्ली
तबलीगी जमात की गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल होने के कारण ब्लैक लिस्ट किए गए 2500 विदेशी नागरिक फिलहाल अपने देश नहीं जा पाएंगे। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया कि इन लोगों की स्वदेश वापसी तब तक नहीं होगी जबतक उनके खिलाफ भारत में किसी भी राज्य में दर्ज आपराधिक मुकदमें की सुनवाई भारत की अदालतों में पूरी नहीं हो जाती। बता दें कि पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा था और सुनवाई 2 जुलाई तक के लिए टाल दिया था।

केंद्र ने कोर्ट के बताया जमातियों के अपराध
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान कोरोना को लेकर भारत सरकार के दिशानिर्देशों और राज्य सरकारों और पुलिस के आदेश का उल्लंघन करने पर हजारों जमाती के खिलाफ विभिन्न राज्यों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनकी सुनवाई अदालतों में होनी बाकी है। केन्द्र सरकार ने हजारो जमाती को ब्लैकलिस्ट कर उनके वीजा रद्द कर दिए थे, सरकार के इस आदेश के खिलाफ विदेशी जमाती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

शीर्ष अदालत बोली- तब जाना होगा हाई कोर्ट
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वीजा रद्द करने को लेकर हर विदेशी जमाती के मामले में सरकार द्वारा अलग-अलग आदेश पारित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिर तो हर प्रभावित जमाती को हाईकोर्ट जाना चाहिए। 35 देशों के 2500 लोगों को ब्लैक लिस्ट करने के भारत सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है। शीर्ष अदालत ने तबलीगी जमात के सदस्यों को प्रत्यर्पण अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने को कहा। साथ ही कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे सभी तथ्य अथॉरिटी के सामने रखे। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 जुलाई को। इस बीच सरकार उन्हें उनके बारे में जारी आदेश की कॉपी देगी।

जमातियों पर कार्रवाई जान लें
-2,679 के वीजा रद्द
-2,765 जमाती ब्लैक लिस्ट घोषित
-205 जमाती के खिलाफ एफआईआर दर्ज
-1905 फरार जमाती के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी

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