बेशक 1969 की वेस्टइंडीज की टीम 1979 की वेस्टइंडीज जितनी मजबूत नहीं थी। लेकिन आयरलैंड के खिलाफ तो उसे कमजोर नहीं आंका जा सकता था। पर इसे आयरलैंड की किस्मत कहिए या फिर कुछ और 2 जुलाई 1969 को लंदनडेरी पर दर्शकों ने जो देखा वह कमाल था।
यह एक दिन में दो पारी का मैच था। अगर मैच ड्रॉ रहता तो पहली पारी की बढ़त के आधार पर विजेता चुना जाता। और वेस्टइंडीज की टीम चूंकि मजबूत मानी जा रही थी तो ऐसी उम्मीद थी कि मुकाबला काफी हद तक उसके पक्ष में रहेगा।
वेस्टइंडीज की टीम में पांच खिलाड़ी ऐसे थे जो इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच ड्रॉ करवाकर आए थे। लेकिन वेस्टइंडीज की पूरी टीम सिर्फ 25 रन पर सिमट गई। आयरलैंड के कप्तान डगी गुडविन ने 6 रन देकर पांच विकेट लिए और एलेक ओ’ रियोरदन ने 18 रन देकर वेस्टइंडीज के चार बल्लेबाजों को पविलियन भेजा।
वेस्टइंडीज की हालत बहुत खराब थी। 12 के स्कोर पर उसके 9 बल्लेबाज पविलियन लौट गए थे। इसके बाद आखिरी विकेट के लिए 13 रनों की साझेदारी हुई। आयरलैंड ने 8 विकेट पर 125 रन बनाए। इसके बाद दूसरी पारी में भी उसने 2 रन पर दो विकेट खो दिए थे लेकिन संभलते हुए 4 विकेट पर 78 रन बनाए। गुडविन ने मैच में 14.5-9-7-7 का प्रदर्शन किया।