9 साल से ही बनना चाहते थे ऐक्टर
एक रीसेंट इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने बताया कि वह 9 साल की उम्र से ही ऐक्टर बनना चाहते थे। पर ऐसा कर नहीं पाए और पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए वह दिल्ली शिफ्ट हो गए। वहां उन्होंने थिअटर शुरू कर दिया। वह पढ़ाई के साथ थिअटर भी करने लगे। कुछ वक्त बाद उन्होंने नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए अप्लाई किया। हालांकि वहां से 3 बार रिजेक्ट हुए।
दोस्त नहीं छोड़ते थे अकेला
मनोज ने बताया कि वह आत्महत्या के काफी करीब आ गए थे। उनके दोस्त उनके साथ सोने लगे और उन्हें अकेला नहीं छोड़ते थे। उनके दोस्तों ने उनका काफी साथ दिया। मनोज ने बताया कि जब वह मुंबई आए तो ऑडिशन के दौरान असिस्टेंट डायरेक्टर ने उनकी तस्वीरें फाड़ दी थीं और 3 प्रॉजेक्ट्स उनके हाथ से निकल गए थे। मनोज बताते हैं कि वह ‘आइडियल हीरो’ फेस में फिट नहीं बैठते थे इसलिए लोगों को लगा कि वह बड़े पर्दे पर कभी काम नहीं कर पाएंगे।
सुशांत के साथ सोनचिड़िया में आए थे नजर
वर्क फ्रंट पर बात करें तो मनोज बाजपेयी को आखिरी बार अभिषेक चौबे की फिल्म ‘सोनचिड़िया’ में सुशांत सिंह राजपूत के साथ देखा गया था।