बैन होने के बाद TikTok को अपना केस लड़ने के लिए ढंग का वकील खोजना मुश्किल जान पड़ रहा है। देश के दो नामी वकीलों ने अदालत में TikTok का केस लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी के बाद अब सीनियर कांग्रेस लीडर और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट अभिषेक मनु सिंहवी भी किनारा कर चुके हैं। TikTok समेत 59 चीनी ऐप्स को सरकार ने 29 जून को बैन कर दिया था। दोनों वकीलों ने कहा कि वे सरकार के फैसले के खिलाफ अदालतों में TikTok की पैरवी नहीं करेंगे।
सिंघवी TikTok को जिता चुके हैं केसपूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा, “हालिया तनाव को देखते हुए किसी चीनी कंपनी की पैरवी करना ठीक नहीं लगता।” रोहतगी 19 जून 2014 से 18 जून 2017 तक भारत के अटॉर्नी जनरल थे। वह देश के टॉप वकीलों में से एक हैं। कांग्रेस नेता सिंघवी ने भी अब TikTok की पैरवी से इनकार किया है। वह सालभर पहले सुप्रीम कोर्ट में कंपनी की पैरवी कर चुके हैं। तब उन्हें जीत हासिल हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को मामले की सुनवाई करने को कहा था। हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने पिछले साल 24 अप्रैल को TikTok पर से लगाया बैन हटाया लिया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते लगाया गया है बैनभारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए TikTok, WeChat, UCBrowser जैसे 59 चीनी ऐप पर बैन लगाया है। सरकार ने 29 जून को यह फैसला पूर्वी लद्दाख में बीते दिनों चीन और भारत की सेना के बीच हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद उपजे तनाव के बीच लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि विश्वसनीय सूचना मिली है कि ये एप्स ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं, जो भारत की संप्रभुता और एकता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं।
ऐप्स पर बैन से चीन की बढ़ गई टेंशनचीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इससे हम काफी चिंतित हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, “हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि चीनी सरकार हमेशा चीनी व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय कानूनों और विनियमों का पालन करने के लिए कहती है।”
‘अच्छे भारतीय ऐप्स के लिए मौका’केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि चीनी ऐप्स पर बैन भारतीय डेवलपर्स के लिए गूगल एप्स के साथ आगे आने का ‘एक महान अवसर’ है। उन्होंने डिजिटल इंडिया के पांच वर्ष के मौके पर एक डिजिटल सम्मेलन में कहा कि भारत के पास प्रौद्योगिकी के मामले में आवश्यक बौद्धिक क्षमता है।