84 दंगे मामले में तीन साल की कैद की सजा काट रहे पूर्व पार्षद महेंद्र सिंह यादव की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। महेंद्र यादव की ओर से अंतरिम जमानत की मांग करते हुए कहा गया था कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं और आईसीयू में भर्ती हैं और वहां कोई रिश्तेदार उनसे मिल नहीं पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि याचिाककर्ता की हालत ठीक नहीं है। वह कोरोना पॉजिटिव हैं। जेल में अन्य कोरोना पॉजिटिव के मामले भी आए हैं एक कैदी की मौत भी हो चुकी है। महेंद्र यादव की हालत ठीक नहीं है वह आईसीयू में हैं और वह कस्टडी में हैं इस कारण आईसीयू के बाहर दो कॉन्स्टेबल तैनात हैं। साथ ही कहा गया है कि वह 70 साल से ऊपर हैं और उन्हें डायबिटीज और किडनी संबंधित बीमारियां हैं उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए ताकि रिश्तेदारों के देखरेख में उनका बेहतर इलाज हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि याचिका में कोई भी विशेष आधार नहीं है। जहां तक आईसीयू का सवाल है तो आईसीयू में वैसे भी किसी को मिलने नहीं दिया जाता है और इस मामले में हम कोई आदेश पारित नहीं करेंगे। महेंद्र यादव को 84 सिख विरोधी दंगे मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।