एमपी में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए 19 जून को वोटिंग है। कांग्रेस ने 2 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। वरीयता वाली सीट से उम्मीदवार हैं। उससे पहले भोपाल में पूर्व सीएम के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। लेकिन इस बैठक से कई विधायक गायब रहें। इसमें दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह भी नहीं पहुंचे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पहले से सूचना के बावजूद कांग्रेस के विधायक बैठक में क्यों नहीं पहुंचें।
राज्यसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में कांग्रेस विधायक केके सिंह, लक्ष्मण सिंह और कुणाल चौधरी मौजूद नहीं रहें। हालांकि कुणाल चौधरी अभी बीमार चल रहे हैं। लेकिन 2 विधायकों की गैरमौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, अब तक कांग्रेस के साथ खड़े सपा और बीएसपी के विधायक भी मीटिंग में नहीं पहुंचें। मीटिंग शुरू होने से पहले चीन के साथ झड़प में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्दांजलि दी गई है।
कांगे्रस विधायक दल की बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आज सभी जानते हैं कि यह समय कोरोना महामारी के संकट का चल रहा है और हमारा प्रदेश भी इसकी चपेट में है। लॉकडाउन की अवधि में आप सभी ने अपने-अपने क्षेत्र की जनता का भरपूर सहयोग किया है, उन्हें हर संभव मदद पहुंचाई, उनकी सेवा की, उसके लिए मैं कांगे्रस पार्टी की ओर से आप सभी का हृदय से आभारी हूं। उम्मीद करता हूं भविष्य में भी आप इसी प्रकार अपने क्षेत्र की जनता के सुख-दुख में उनके साथ खड़े रहेंगे।
पहली बार पहुंचे थे मुकुल वासनिक
वहीं, कांगे्रस के महासचिव मुकुल वासनिक पहली बार एमपी कांगे्रस के प्रभारी बनने के बाद भोपाल पहुंचे थे। सभी विधायकों ने उनका स्वागत किया। कमलनाथ ने कहा कि कांगे्रस पार्टी की ओर से दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया अधिकृत उम्मीदवार हैं। मुकुल वासनिक ने विधायकों की तारीफ कर बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आपने जिस प्रकार से अपनी एकजुटता का परिचय दिया वह सराहनीय है।
वासनिक ने कहा कि एमपी में जिस प्रकार से बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या कर, प्रदेश की जनमत द्वारा चुनी कांगे्रस सरकार को गिराने के लिए प्रलोभन का खेल प्रदेश में खेला था, उसे आप लोगों ने नकार कर पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन किया। उम्मीद करता हूं सभी विधायकगण भविष्य में भी इसी प्रकार एकजुटता का परिचय देंगे।