भारत-नेपाल के बीच चीन पर आरोप साजिश: चीन

काठमांडू
भारत के साथ सीमा पर तनाव के बीच चीन नेपाल के साथ अपनी नजदीकियों में कोई कमी आने नहीं देना चाहता है। एक ओर जहां नेपाल में चीन के ऊपर जमीन कब्जा करने के आरोप लग रहे हैं, वहीं नेपाल में चीन की राजदूत हू यान्की का कहना है कि चीन ने हमेशा नेपाल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया है। उनका कहना है कि नेपाल और भारत के बीच विवाद के पीछे चीन का हाथ बताया जाना साजिश का हिस्सा है।

‘बातचीत से विवाद सुलझा लेंगे भारत और नेपाल’
नेपाल के अखबार राइजिंग नेपाल से हू ने कहा कि कालापानी का मुद्दा भारत और नेपाल के बीच में है और चीन का इस मुद्दे पर रुख कायम है। चीन उम्मीद करता है कि दोनों देश अपने मतभेद दोस्ताना बातचीत से सुलझा लेंगे। मीडिया में चीन के नेपाल की जमीन पर कब्जा करने के आरोपों पर यान्की ने कहा कि चीन और नेपाल ने 1961 में सीमा संधि पर हस्ताक्षर किए थे और बिना किसी विवाद के सीमांकन किया गया था।

‘नेपाल और चीन के बीच रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश’
पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेपाल दौरे का जिक्र करते हुए यान्की ने कहा कि सालों में दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर सकारात्मक सहयोग रहा है और दोनों सीमा से जुड़े मुद्दों पर सहयोग मजबूत कर रहे हैं ताकि बाहर से कोई हस्तक्षेप न हो सके और दोनों के विकास को प्रमोट किया जा सके। इस आरोप पर कि नेपाल ने भारत के साथ सीमा विवाद चीन के कहने पर उठाया, यान्की ने कहा कि ऐसे आरोप निराधार हैं और किसी साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोपों से न सिर्फ नेपाल और नेपाली लोगों का अपमान होता है बल्कि चीन और नेपाल के रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश भी होती है।

नेपाल में चीनी सीमा को लेकर हुआ था विवाद
बता दें कि पिछले दिनों नेपाली मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि नेपाल के गांवों में चीन से सटी सीमा पर लगे खंभे हटा दिए गए हैं। वहीं, तिब्बत में सड़क निर्माण के बहाने नदियों की धारा को मोड़कर जमीन कब्जाए जाने के आरोप भी लगाए गए थे। इसके बाद नेपाल की सरकार ने बयान जारी करते हुए इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि जिन खंभों को हटाए जाने की बात की जा रही है, वे कभी लगाए ही नहीं गए थे। हालांकि, तिब्बत में प्राकृतिक रूप से बदली जा रही सीमा पर सरकार ने कुछ नहीं कहा। देश के अंदर विरोध झेल रही केपी शर्मा ओली सरकार से विपक्ष ने चीन के इस कदम पर कार्रवाई करने की मांग भी की थी।

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