भारत को एडवांस जेट देगा US! बिल पेश

वॉशिंगटन
चीन के खिलाफ अमेरिका अपनी सैन्य भागीदारी को भारत के साथ मजबूत करने पर विचार कर रहा है। इसे लेकर अमेरिकी सीनेट में एक बिल पेश किया गया है। अगर इस बिल को मंजूरी मिल जाती है तो अमेरिका पांचवी पीढ़ी के एफ 22 और एफ-35 जैसे एडवांस फाइटर जेट्स को भारत को दे सकता है। अभी तक ये फाइटर जेट इजरायल, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही हैं जिनके साथ अमेरिका के घनिष्ठ संबंध हैं।

अमेरिकी सीनेट में संशोधन विधेयक पेश
अमेरिका में सत्तारूढ़ रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेट के शीर्ष दो सीनेटरों ने भारत के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने, खास तौर पर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और सैन्य क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) 2021 संशोधन विधेयक पेश किया है। संशोधन विधेयक में रक्षा मंत्री से अमेरिका और भारत के बीच रक्षा और संबंधित औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान, विकास के अवसरों तथा कर्मियों के आदान-प्रदान पर एक संक्षिप्त जानकारी प्रदान करने को भी कहा गया है।

सीनेटरों ने रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से पूछा सवाल
सीनेटर मार्क वार्नर और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से पूछा है कि वह आकलन करें कि रक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका-भारत निजी क्षेत्र के सहयोग के लिए क्या इजरायल-यूएस बाईनेशनल इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन मॉडल बन सकता है। वार्नर प्रतिनिध सभा की खुफिया मामलों की शक्तिशाली समिति के उपाध्यक्ष हैं और कॉर्निन रिपब्लिकन व्हिप हैं। दोनों शक्तिशाली सीनेटर इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं।

कानून पारित होने के 180 दिनों के भीतर एक्शन
सीनेटर कॉर्निन ने एक अन्य संशोधन में रक्षा मंत्री को कानून पारित होने के 180 दिनों के भीतर भारत को अमेरिका की पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट कार्यक्रम पर जानकारी देने को भी कहा। संशोधन में पेंटागन से कांग्रेस के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सिफारिशें और ब्रीफिंग में शामिल विषयों पर एक रिपोर्ट मांगी गई है क्योंकि भारत अपनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का विकास खुद कर रहा है।

भारत को गुप्त रक्षा प्रौद्योगिकी देगा अमेरिका
भारत को शीर्ष गुप्त अमेरिकी रक्षा प्रौद्योगिकी और उपकरण मुहैया कराने के मद्देनजर कॉर्निन और वॉनर ने भारत को इज़राइल और न्यूजीलैंड की तरह ‘नाटो प्लस देशों’ की सूची में शामिल करने के लिए संयुक्त रूप से एक अन्य संशोधन भी पेश किया।

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