भिलाई/रायपुर,(सीजी आजतक न्यूज)। छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले के भिलाई नगर कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने बिना सूचना एवं UGC की गाडइलाइन का उल्लंघन कर उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन को सूचना दिए बिना नए शिक्षा सत्र से इश्योरेंस (बीमा) कोर्स को बंद कर दिया है, जबकि दो छात्रों ने इस कोर्स में प्रवेश भी ले लिया था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे विश्वविद्यालय में जॉब ओरिएंटेड इंश्योरेंस कोर्स सिर्फ कल्याण कॉलेज में ही संचालित है और द्वितीय और तृतीय वर्ष के स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे है। सिर्फ फ्रथम वर्ष के कोर्स को बंद किया गया है। कॉलेज प्रबंधन ने अपनी मनमर्जी से इस कोर्स को बंद कर दिया है। इस विषय को पढ़ाने वाले कम वेतन और संविदा कर्मचारियों (परिनियम 28 को छोड़कर) को लाखों रुपए की सैलरी लेने वाले प्राचार्य ने बेरोजगार कर दिया है। कोर्स को पढ़ाने वाले प्राध्यापकों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या आ हो गई है। वहीं इस विषय में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों में कॉलेज प्रबंधन की मनमानी के कारण भविष्य अधर में लटक गया है।
पीएम के स्पष्ट निर्देश का खुला उल्लंघन
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ऐसे कोर्स की अनिवार्यता जरूरी है। इसके बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने मनमानी करते हुए प्रथम वर्ष के कोर्स को बंद कर दिया है। इसकी सूचना न तो उच्च शिक्षा विभाग को दी गई और न ही हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी को। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आईएएस आर प्रसन्ना से बात करने उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर की है। इससे साफ जाहिर होता है कि कोर्स बंद करने के मामले में उच्च शिक्षा विभाग को भी गुमराह किया गया है। इसी तरह यूनिवर्सिटी के कुलपति को भी इसकी जानकारी नहीं दिए जाने की चर्चा है।
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बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूसीजी) की गाइडलाइन में भी कोर्स को बंद करने कोई निर्देश या स्पष्ट आदेश नहीं है। कॉलेज प्रबंधन ने अपनी मनमर्जी से कोर्स को बंद कर दिया है। इस मामले को लेकर प्रवेश ले चुके छात्र (स्टूडेंट्स) हाईकोर्ट की शरण में जाने वाले हैं। उन्होंने पूरे दस्तावेज के साथ बतौर सबूत सीजी आजतक न्यूज को यह जानकारी दी है।
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0-कॉलेज में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार की पोल खोल खबर।
0-लाखों रुपए तनख्वाह लेने वाले परिनियम 28 और संविदा कर्मचारियों (प्राध्यापकों) का शोषण की खबर।
0-पूर्व में आरटीआई (सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगने वाले को) किस तरह मैनेज किया गया इससे संबंधित खबर।
0-सेवानिवृत्ति के बाद प्राचार्य की संविदा नियुक्ति के लिए राजनीतिक एप्रोच लगाने की खबर।
0-अब तक किए गए करोड़ों की भ्रष्टाचार की रिकवरी का प्रयास से संबंधित खबर।
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