हारे या जीते…दुर्ग के नेता तो अरुण वोरा ही रहेंगेः 30 साल से कांग्रेस ने नहीं दिया किसी और को मौका, टिकट की आस में ढल गई युवाओं की उम्र

भिलाई/रायपुर (सीजी आजतक न्यूज)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। प्रदेश के वीआईपी जिला दुर्ग विधानसभा (शहर) में पिछले 10 साल से सत्ता बाहर रही बीजेपी वापसी के लिए जोर लगा रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी पूरजोर ताकत झोंक रही है। छत्तीसगढ़ की दुर्ग शहर ऐसी सीट हैं जहां पिछले दो दशक से अधिक समय से कांग्रेस एक ही उम्मीदवार पर दांव खेल रही है। अहम बात ये है कि उम्मीदवार हारे या जीते पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता।

वीआईपी जिले दुर्ग शहर विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस पार्टी पिछले 30 साल से सिर्फ अरुण वोरा को टिकट दे रही है। ऐसा भी नहीं कि वे बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल और रमेश बैस की तरह हर बार जीतकर ही आते हैं। 30 साल के इतिहास में अरुण वोरा को तीन बार हार का भी सामना करना पड़ा है। इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी आंख मूंदकर अरुण वोरा पर दांव खेलती है। बार-बार अरुण वोरा को टिकट देने का एक कारण उनके पिता स्व. मोतीलाल वोरा का केंद्र की राजनीति दिल्ली में सक्रिय होना रहा है। हार के बाद भी उन्हीं पर दांव खेलना समझ से परे है। अरुण के टिकट के लिए कांग्रेस हाईकमान द्वारा बनाया गया टिकट का फार्मूला भी कभी बाधा नहीं बना। कांग्रेस की एके एंटोनी कमेटी सहित 10 हजार से ज्यादा मत से हारने और लगातार तीन बार हारने वालों को टिकट नहीं देने के पिछले कई चुनाव के फार्मूले गौण रहे। हालांकि अरुण वोरा पिछले दो चुनाव जीतते आ रहे हैं।

दिग्गजों को किया नजरअंदाज
दुर्ग के पार्टी कार्यकर्ताओं की तो एक सीधा गणित ये भी है कि अरुण वोरा को टिकट देने के चक्कर में कांग्रेस पार्टी ने कई कद्दावर नेताओं को नजरअंदाज कर दिया। इस चुनाव की बात करें तो कई दिग्गजों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। हालांकि उन्हें भी पता था कि मुहर अरुण वोरा के नाम पर ही लगनी है और हुआ ऐसा ही। पार्टी ने सातवीं बार अरुण पर भरोसा जताया।

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टिकट की आस में बन गए सीनियर सिटीजन
बीजेपी की तरह कांग्रेस भी अब टिकट वितरण में उम्र का फार्मूला लागू करने जा रही है। हालांकि पार्टी ने अभी तक इस संबंध में अधिकारिक फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ में अब तक जारी उम्मीदवारों की सूची में अधिकतर के टिकट कटने का हवाला उम्र को दिया गया है। ऐसे में यदि 30 साल पहले कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता ने दुर्ग शहर में विधानसभा चुनाव लड़ने का सपना देखा होगा तो अरुण वोरा के चलते सपना ही रह गया। पार्टी ने दुर्ग विधानसभा सीट से प्रत्याशी ही नहीं बदले और तब के 30 साल के युवा आज 60 साल के (बूढ़े) सीनियर सिटीजन हो गए हैं।

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विधानसभा चुनाव बीजेपी कांग्रेस परिणाम
1993 हेमचंद यादव (52088) अरुण वोरा (69208) जीत
1998 हेमचंद यादव (73766) अरुण वोरा (70487) हार
2003 हेमचंद यादव (107484) अरुण वोरा (84911) हार
2008 हेमचंद यादव (64981) अरुण वोरा (43900) हार
2013 हेमचंद यादव (58645) अरुण वोरा (53024) जीत
2018 चंद्रीका चंद्राकर (64981) अरुण वोरा (43900) जीत

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