ऐसा है अपना पुलिस सिस्टमः RTI को गोलबाजार थाने ने बनाया मजाक, दुर्ग कोतवाली में नहीं लिखी चोरी की FIR


भिलाई/रायपुर। (सीजीआजतक न्यूज)। अजब छत्तीसगढ़ की गजब पुलिस का कारनामा सामने आया है। कानून के पालन की जिम्मेदारी जिसके ऊपर है वही कानून के साथ खिलवाड़ करें तो जनता कहां जाए? ऐसा ही एक मामला राजधानी रायपुर की गोलबाजार थाने से सामने आया है, जहां सामान्य सी जानकारी को गोपनीय बताकर आवेदक को सूचना का अधिकार अधिनयम (आरटीआई) में नहीं दी। एक अन्य मामले में दुर्ग शहर के कोतवाली पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखी बल्कि उल्टे शिकायतकर्ता से कहा कि चोर दिख जाए हमें बता देना या पकड़कर थाने ले आना।

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पहला मामला रायपुर गोलबाजार थाना स्टाप द्वारा एक दुकान पर छापे की कार्रवाई से जुड़ी है। दूसरा मामला दुर्ग बघेरा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की है जहां बीते दिनों वहीं के रहने वाले बदमाश ने कई घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। चोरी करते कॉलोनी के लोगों ने बदमाश को देख लिया था। जब पीड़ित कोतवाली थाने मेंं शिकायत करने पहुंचे तो आवेदन ही नहीं लिया। पुलिस ने कहा कि दो चोर को पकड़ लिए है तीसरा दिखे तो सूचना दे देना। पीड़ितों ने बताया कि वहां मसान ईडब्ल्यूएस 607 से दो गैस सिलेंडर पर पड़ोसी युवक ने ही हाथ साफ कर दिया था। इसके पहले भी वह कॉलोनी के घरों से मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका था।

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दूसरे मामले में गुप्ता ट्रेडर्स फौव्वारा चौक के पास नयापारा, डॉ मटरेजा गली, स्वामी विवेकानंद वार्ड रायपुर में 03 जनवरी 2023 को गोलबाजार थाना स्टॉफ द्वारा छापामार कार्रवाई की गई थी। आवेदक द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत किसके आदेश और किस नियम के तहत छापेमार काईवाई की गई थी इसकी जानकारी मांगी गई थी। थाना के जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी सीएसपी कोतवाली थाना द्वारा काईवाई को गोपनीय बताकर जानकारी नहीं दी। यहां यह बताना जरूरी है कि जो जानकारी मांगी गई थी वो सामान्य थी। जानकारी न तो विभाग के इंटिलीजेंस और नहीं नक्सली गतिविधियों और न ही पुलिस विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार से जुड़ी हुई कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी। फिर भी विभाग द्वारा आरटीआई अधिनियम 8(1) (ज्ञ) का हवाला देकर जानकारी नहीं दी गई।

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वहीं जानकारी मांगने के बाद तत्कालीन थानेदार (टीआई) सुदर्शन ध्रुव ने कहा कि जब तक कांग्रेंस की सरकार है तब तक मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। उन्होंने छापेमार टीम में शामिल एसआई गौतम शर्मा, खेलन सिंह साहू और सिपाही संतोष गोयल, नियाज खान को कहा कि आप लोग देख लो (अपना सोर्स लगा लो)। पीड़ित ने बताया कि छापे में वहां से सामान जब्त किया गया था। मामला रफा दफा करने डेढ़ लाख रुपए भी झटक लिए। आवेदक द्वारा पुलिस के उच्चाधिकारी से शिकायत और आरटीआई में जानकारी मांगने के बाद थाने की पुलिस द्वारा 20 हजार वापस देने की बात कह मामला रफा दफा करने का दबाव बनाया गया, जिसे आवेदक ने अस्वीकार कर दिया।

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बताया जाता है कि दुर्ग कोतवाली थाने में प्रधान आरक्षक हरिश चौधरी (मुंशी) सालों से जमा हुआ है। थाने में उसकी ही चलती है।बिना पैसे के कोई भी काम नहीं होता है। नयापारा के एक पुराने मामले में नामी बदमाश को बचाते हुए उलटे फरियादी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया था, जबकि आरोपी ने घर में घुसकर मुस्लिम परिवार के साथ मारपीट की थी। इस मामले में भी उसने आरोपी के साथ पीड़ित परिवार से मोटी रकम बतौर घूस ली थी। इसी तरह बघेरा कॉलोनी में चोरी मामले में यह भी कहा था कि कहा कि आप लोग किराएऐदार हो। रिपोर्ट लिखाने के लिए मकान मालिक को भेजो, जबकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस की इसी नाकामी के कारण बघेरा कॉलोनी में चोरी की घटना के बाद आरोपी युवक परिवार सहित आधी रात को कॉलोनी से फरार हो गया या पुलिस ने ही करवा दिया? यह जांच का विषय है।

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