पत्रिका संघर्ष समिति की मेहनत रंग लाईः मजीठिया केस छत्तीसगढ़ शासन से लेबर कोर्ट रेफर, छह महीने में निराकरण का आदेश

भिलाई/रायपुर(सीजी आजतक न्यूज)। कोरोना काल में राजस्थान पत्रिका अखबार (समाचार पत्र) से निकाले गए छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने अंततः तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद मजीठिया वेजबोर्ड केस पर जीत हासिल कर ली है। मजीठिया वेजबोर्ड केस छत्तीसगढ़ शासन से लेबर कोर्ट (श्रम न्यायालय ) दुर्ग रेफर हो गया है। हालांकि यह जीत की पहली कड़ी है। अभी भी लंबी लड़ाई बाकी है। छत्तीसगढ़ शासन का यह आदेश मजीठिया संघर्ष समिति के सदस्यों के लिए संजीवनी का काम करेगी। छत्तीसगढ़ शासन ने सप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए प्रकरण का निराकरण छह महीने के भीतर करने के निर्देश दिए हैं। मजीठिया केस की पहली सुनवाई 18 अक्टूबर 2023 को होगी।

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बता दें कि राजस्थान पत्रिका अखबार ने छत्तीसगढ़ के भिलाई संस्करण समेत राजनांदगांव और कवर्धा जिले के कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है। राजस्थान पत्रिका प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन ने काम से निकालते वक्त श्रम कानून का पालन नहीं किया है। कोरोना काल में जब प्रभानमंत्री ने कहा था किसी भी कमर्चारियों को काम से निकाला नहीं जाएगा। इसके बाद भी पत्रिका प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ राज्य से लगभग आधा सैकड़ा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। आधा सैकड़ा कमर्चारियों में से भिलाई संस्करण के अंतर्गत आने वाले दुर्ग भिलाई, राजनांदगांव और कवर्धा के 16 कर्मचारियों ने कोर्ट की शरण ली थी। सहायक श्रमायुक्त के बाद केस छत्तीसगढ़ शासन को रेफर हुआ था। छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग में लगभग दो साल की विभिन्न सुनवाई के बाद केस लेबर कोर्ट रेफर हो गया है। इसी तरह (नौकरी से निकालने का मामला) टर्मिनेशन केस भी दुर्ग लेबर कोर्ट में प्रक्रियाधीन है।

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क्या है मजीठिया वेज बोर्ड ? मजीठिया वेज बोर्ड समाचार पत्रों में कार्य कर रहे पत्रकारों-गैर पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर 10 वर्ष में गठित किया जाने वाला वेतन आयोग है। इस वेज बोर्ड की सिफारिशें सभी पक्षों की सुनवाई करने बाद जस्टिस जी. आर. मजीठिया ने भारत सरकार को सौंपी। इसे 11 नवम्बर 2011 को अधिसूचित कर दिया गया।

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मजीठिया वेजबोर्ड का गठन श्रमजीवी पत्रकार और अन्‍य समाचारपत्र कर्मचारी (सेवा की शर्तें) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1955 की धारा 9 और 13सी के तहत किया गया। वेजबोर्ड ने इसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत श्रमजीवी पत्रकारों और गैरपत्रकार अखबार कर्मचारियों के लिए वेतनमान की अनुशंसा की है और केंद्र सरकार ने भी इसी अधिनयम की धारा 12 के तहत प्रदत्‍त शक्‍तियों का प्रयोग करते हुए 11-11-2011 को मजीठिया वेजबोर्ड लागू करने की अधिसूचना जारी की थी।

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