भिलाई(सीजी आजतक न्यूज)। नगर निगम रिसाली द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान में तोड़ूदस्ते द्वारा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। चेहरा और पार्टी देखकर कार्रवाई की जा रही है। इसका उदाहरण मैत्री बाग चौक से मरोदा रेलवे गेट तक देखने को आया है। निगम के दस्ते द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई जो अपने सीमा पर काबिज है। वहीं कब्जाधारी रसूख व्यक्ति और सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई से प्रभावित पीड़ितों का आरोप है कि सड़क किनारे कांग्रेस पार्षद और कार्यकर्ताओं के कब्जों को छोड़ दिया गया है।
निगम क्षेत्र में अवैध कब्जों की भरमार
जानकारी के अनुसार रिसाली निगम क्षेत्र में अवैध कब्जों की भरमार है। बीएसपी टाउनशिप के अलावा मरोदा बस्ती, रुआबांधा बस्ती, नेवई में सैकड़ों नहीं हजारों कब्जाधारी हैं। इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। स्टेशन मरोदा में तो बीएसपी की जमीन पर पूरी बस्ती बस गई है। कई रसूखदार व्यापारी भी बड़े बड़े भूखंड पर कब्जा कर लिए हैं। इनके खिलाफ न तो निगम प्रशासन और न ही बीएसपी प्रबंधन कार्रवाई कर रहा है। कार्रवाई में भेदभाव और मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस पार्टी गर्त में जा रही है। इसका जीता जागता उदाहरण रिसाली निगम द्वारा मैत्रीबाग चौक से मरोदा स्टेशन तक कार्रवाई में विशेष समुदाय के अवैध कब्जों से निर्मित सीढ़ी को ना तोड़ा जाना है। वहीं हिंदुओं के सीढियों को तोड़ दिया गया है और उनके कब्जों को बख्श दिया गया है। टंकी मरोदा में सड़क किनारे और नाली के ऊपर पार्षद के गुमटी को छोड़ दिया गया है।
सीढ़ी लगाने वालों को नोटिस
भिलाई नगर पालिक निगम द्वारा भी मकान/दुकान में जाने के लिए सीढ़ी लगाने वालों को नोटिस दिया गया है, जबकि सड़क पर कब्जा करने वालों को छोड़ दिया गया है। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही यह सामने आई है कि सीढ़ी बनाने वाले को नोटिस दिया गया है। नोटिस जारी करने के पहले यह भी नहीं देखा गया कि मकान/दुकान किसके नाम पर है। सिर्फ राजनीतिक द्वेषवश नोटिस जारी कर दिया गया है। ऐसा मामला पावर हाउस रविशंकर शुक्ला मार्केट में देखने को आया है। पीड़ित लोग नोटिस सहित निगम के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जाने वाले हैं।
कांग्रेस क्यों गर्त में जा रही
कांग्रेस की इसी मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण पूरी पार्टी गर्त में जा रही है। कांग्रेस की इसी नीति के चलते दुर्ग ठगड़ा बांध सड़क चौड़ीकरण की जद में आने वाले सभी कब्जाधारी के खिलाफ कार्रवाई की गई। यहां तक पुराने मंदिर को भी हटा दिया गया, वहीं मजार को नहीं हटाया गया है। ठगड़ा बांध के किनारे निर्मित ब्रिज के नीचे आज भी एक मजार स्थित है। इसी तरह सड़क चौड़ीकरण के चलते दुर्ग बस स्टैंड के समीप स्थित पुराने हनुमान मंदिर को हटाने नोटिस जारी किया गया था और सामने स्थित चर्च को नहीं हटाया जा रहा था। इस मुद्दे को लेकर हिंदू संगठनों को अंदोलन करना पड़ा था।
जमकर वसूली की शिकायत
रसाली निगम के तोड़फोड़ दस्ता द्वारा जमकर वसूली की शिकायत सामने आई है। अवैध कब्जाधारियों से लाखों की वसूली की जा रही है। पीड़ितों ने सीजी आजतक न्यूज को बतौर सबूत ऑडियो सुनाया है।
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