भिलाई (सीजी आजतक न्यूज)। खुद को छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ियों का हितैषी बताने वाली कांग्रेस सरकार का एक और कारनामा सामने आया है। छत्तीसगढ़ शासन ने मुख्यमंत्री के गृह जिला दुर्ग में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (पुराना नाम जिला उपभोक्ता फोरम) के अध्यक्ष पद पर बाहरी व्यक्ति (संतोष कुमार) की नियुक्ति कर दी है। सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्ति अन्य प्रदेश झारखंड के निवासी है। शासन द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में उनके नाम के सामने पता कालम पर लिखा है- चाणक्य नगर थाना सरायढेला, डाकघर केजी आश्रम, जिला धनबाद, झारखंड। सरकार को लगभग सवा दो करोड़ की आबादी वाले (2011 की जनगणना के अनुसार) छत्तीसगढ़ राज्य में एक भी छत्तीसगढ़ी व्यक्ति इस पद के लिए योग्य नहीं मिला। संतोष कुमार को झारखंड राज्य के समीपस्थ छत्तीसगढ़ के जिलों बलरामपुर, जसपुर में नियुक्त करते तो भी बात समझ में आती, किंतु सीएम के गृह जिले में नियुक्ति लोगों की समझ से परे है।
नाम के साथ सरनेम नहीं
जारी आदेश में कुल 8 जिलों में आठ लोगों की नियुक्ति की गई है। सूची में सभी के नाम के साथ सरनेम भी लिखा गया है किंतु संतोष कुमार के नाम के साथ सरनेम नहीं लिखा गया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर उनके सरनेम का उल्लेख नहीं किया गया जिससे उनके बाहरी होने का पता यहां की जनता (छत्तीसगढ़ियों) को न लग सके। शेष नामों के साथ सभी के सरनेम भी लिखे गए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, मंत्रालय महानदी भवन द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में कई चेहरे ऐसे हैं जो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी नहीं है। उनके सरनेम से ही यहां के स्थानीय लोग उन्हें बाहरी (अन्य प्रांत के) मानते हैं। नियुक्ति आदेश में पहले नंबर पर शामिल गोपाल रंजन पाणिग्रही ओडिशा राज्य के, रंजना दत्ता पश्चिम बंगाल के निवासी है। इसी तरह आनंद कुमार सिंघल सरनेम वाले व्यक्ति को भी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी नहीं माना जाता है।
वकीलों के अधिकार पर सरकार ने मारी भांजी
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष के पद पर पहला हक जिले के वकीलों का बनता है। कई योग्य वकील अध्यक्ष पद की आस लगाए बैठे थे। ऐसे लोगों को नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद निराशा हाथ लगी है। उनका मानना है कि सरकार ने उनके हक पर भांजी मार दी है। बाहरी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाए जाने से जिले के वकीलों में नाराजगी है। इसके पहले तो एक रिटायर्ड जज मैत्रीय माथुर को अध्यक्ष बनाया गया था।
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