भिलाई (सीजी आजतक न्यूज)। सीएम के विधान सभा क्षेत्र पाटन के ग्राम पंचायतों (पंचायती राज) में भ्रष्टाचार का खूब बोल बाला है। निर्माण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सीएम के विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव सेलूद में ही एक ऐसा मामला सामने में आया है, जहां ग्राम पंचायत द्वारा एक निजी और विवादित जमीन पर लाखों की लागत से सीमेंटीकरण कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है जहां पर सीमेंटीकरण किया गया वह निजी जमीन है। निजी जमीन पर पंचायत या किसी अन्य मद की राशि से सीमेंटीकरण का न तो कोई प्रावधान नहीं है न ही किया जा सकता है। इतना ही नहीं पंचायत द्वारा एक निजी मकान के सामने भी बिना अनुमति सीमेंटीकरण कर दिया गया है। इस का में भारी भ्रष्टाचार किया गया है।
बताया जाता है कि सीएम के विस क्षेत्र के इस गांव की कई गलियां जर्जर है और ग्रामीण सालों से सीमेंटीकरण की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों की मांग को अनदेखी कर अनुपयोगी जगह में सीमेंटीकरण कर दिया गया है। ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामीणों की जायज और पुरानी मांगों की अनसुनी कर अनावश्यक और निजी जगह पर सींमेटीकरण कर दिया गया है। जहां पर सीमेंटीकरण किया गया है वहां ग्रामीण और गांव की आबादी का कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।
बता दें कि जिस जगह पर सीमेंटीकरण किया गया है, वह निजी जमीन और 50 सालों से विवादित है। जमीन को लेकर 50 साल से अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान से मामला जबलपुर हाईकोर्ट में चल रहा था। मध्यप्रदेश का विभाजन और छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी उस जमीन का फैसला नहीं आया है। मामला आज भी हाईकोर्ट में लंबित है। जमीन के मालिक की तीसरी पीढ़ी अब भी केस लड़़ रही है। मामला अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित है। कोर्ट का फैसला आने के पहले निजी जमीन पर सीमेंटकरण करना कोर्ट की अवमानना है। जमीन मालिक दोनों मामले को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी में है। चूंकि जमीन का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए अब ग्राम पंचायत को भी पार्टी बनाने की तैयारी है। क्योंकि ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है कहां पर सड़क का सीमेंटकरण किया जाए और कहां नहीं। इस मामले में पंचायत की भूमिका एक पक्षीय रही है। सीमेंटीकरण का प्रस्ताव पास करने और प्रस्ताव पर बिना सोचे समझे हस्ताक्षर करने वाले पंच और अन्य को भी पार्टी बनाया जाएगा।
सत्ता का दंभ
जो लोग सत्ता के मद में अपने आपको कानून से ऊपर और सर्वज्ञ समझते हैं उसे बता देना चाहते हैं कि कानून की नजर में सब समान है। कानून के लिए कोई बड़ा या छोटा नहीं है। भारत का कानून और संविधान ऐसा है कि यहां के प्रधानमंत्री और दो मुख्यमंत्री को जेल जाना पड़ा था। इनमें एक पूर्व पीएम स्व. पीवी नरसिम्हा राव और दो मुख्यमंत्रियों में बिहार के लालू प्रसाद यादव और तमिलनाडु के जय ललिता शामिल रहे हैं। दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को सत्ता का इतना घंमड हो गया था कि हमारा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। कानून की जद में आने के बाद दोनों को जेल जाना पड़ा। एक की मौत हो गई और दूसरे व्यक्ति अभी जमानत पर चल रहे हैं।
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