रायपुर,(सीजी आजतक न्यूज)। छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी बिलासपुर में इन दिनों चवन्नी छाप कथित पत्रकारों का बोलबाला है। पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशा ऐसे लोगों के कारण बदनाम हो रहा है। इन्हीं जैसों के कारण राज्य सहित जिले के कई सम्मानित और वरिष्ठ पत्रकारों को भी लोग संदेह की नजर देखने लगते हैं।
बिलासपुर शहर के हृदय स्थल में स्थित थाना इन दिनों चिल्हर में बिकने वाले तथाकथित पत्रकारों का आरामगाह बन चुका है। आलम यह है कि शाम सात के बाद खाना खाकर (थाने में आवभगत पश्चात्) दुकान की तर्ज पर थाना बढाने का काम भी इन्हीं 100-200 दिहाडी वालों के कंधों पर है। खास बात यह है कि इनको झूठी खबरें फैलाकर किसी भी सम्माननीय व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने से किसी भी प्रकार का गुरेज नहीं है। वहीं पुलिस अधिकारियों द्वारा पीत पत्रकारिता करने वालों ऐसे लोगों को इतना महत्व क्यों दिया जाता है लोगों की समझ से परे हैं।
हाल ही में इन्हीं विभीषणों द्वारा रतनपुर के एक प्रतिष्ठित पत्रकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। ऐसे ही अति उल्लेखनीय पतित कृत्यों से यह अपने काले कारनामों का कारवां खींच रहे है। वैसे भी इनका ध्यान खबर में कम और अवैध उगाही में पूरा और ज्यादा रहता है। इन तथाकथित पोर्टल वालों के और भी कारनामे है, जो समय समय पर आपके सामने उजागर होंगे।
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