भिलाई/रायपुर(सीजी खबर AAJ TAK)। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण और गरीब बच्चों के लिए ग्राम स्तर पर स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले गए हैं। स्कूल खोलने का उदे्दश्य उन्हें कम खर्च में अंग्रेजी माध्यस में बेहतर शिक्षा प्रदान करना और उनका भविष्य संवारना है। इसी कड़ी में शासन स्तर पर पूरे प्रदेशभर के शिक्षकों को राजधानी रायपुर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी विसंगति यह है कि प्रशिक्षण ऐसे शिक्षकों द्वारा दिया जा रहा है जिनकी नियुक्ति महज दो साल पहले संविदा शिक्षक के रूप में हुई है। ऐसे संविदा शिक्षक (अप्रशिक्षित अकुशल व्यक्ति) इंग्लिश मीडियम के पुराने लेक्चरारों ( राजपत्रित अधिकारियों) को जिनको लगभग डेढ़ दशक का अनुभव एवं अंग्रेजी माध्यम के हैं उनको प्रशिक्षण दे रहे हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन्हें ढंग से अंग्रेजी बोलना भी नहीं आता वे थ्रू आल आउट इंग्लिश मीडिया के शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा, यह सबसे बड़ा और अहम सवाल है ?
प्रशिक्षण के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार
बताया जाता है कि स्वामी आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए लगभग 156 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत है। बजट (MHRD) मानव संसाधन विकास मंत्रालय से आया है। बजट को खत्म करने और भ्रष्टाचार के लिए प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
फैक्ट फाइल
कार्यक्रम का नाम- इंडक्स प्रशिक्षण।
स्थान-बीटीआई ग्राउंड (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिसर, शंकर नगर रायपुर छत्तीसगढ़ )।
प्रशिक्षण 26 मई से शुरू और 30 जुलाई तक चलेगा।
एक शिक्षक को 6 दिन का प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य।
प्रशिक्षण देने वाले का खुद का इंडक्शन ट्रेनिंग नहीं हुआ है। उनका सर्विस बुक भी नहीं बना है। यदि स्थाई शिक्षक प्रशिक्षण देते तो एक सत्र का लगभग 5 से 7 हजार खर्च आता। इसमें कटौती करते हुए 500 रुपए में अनुबंधित शिक्षकों से प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है।
प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूलों की कुल संख्या- लगभग 250
शिक्षकों की संख्या- लगभग 2900 (संविदा + डेपुटेशन)
प्रशिक्षण देने वाले शिक्षिकाओं की एक झलक- पावर प्वाइंट और नेट से देखकर दे रहे प्रशिक्षण।
एसएचआरडी (MHRD) का मतलब नहीं मालूम (अर्थ- मानव संसाधन विकास मंत्रालय)
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