भिलाई. छत्तीसगढ़ में सड़क चौड़ीकरण में सरकार द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। सीएम के गृह क्षेत्र पाटन विधानसभा क्षेत्र में जहां प्रभावितों को कई गुणा मुआवजा दिया गया है वहीं गृहमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण की जद में आने वाले प्रभावितों को फूटी-कौड़ी भी नहीं दिया गया है। इससे प्रभावितों में राज्य सरकार के प्रति नाराजगी है। प्रभावितों को न्याय दिलाने समाजसेवी एवं पूर्व जनपद सदस्य सतीश पारख ने सीएम, गृहमंत्री सहित मुख्य सचिव और सचिव पीडब्ल्यूडी को पत्र प्रेषित कर आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
दुर्ग विधानसभा क्षेत्र (गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू) का बाहरी क्षेत्र
बता दें कि दुर्ग विधानसभा क्षेत्र (गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू) के उतई मचांदुर मार्ग चौड़ीकरण का बाहरी क्षेत्र का कार्य पूर्णता की ओर है। अब इस मार्ग पर आने वाले भीतरी आवासीय क्षेत्र में नाली निर्माण कार्य प्रारंभ है। इस मार्ग में ग्राम उतई-खोपली-घुपसीडीह- मचांदुर के आवासीय क्षेत्र आते है। प्रभावितों को अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग सहित लोक निर्माण मंत्री को लिखित में ज्ञापन दिया जा चुका हैं। उन्होंने बताया कि इसके विपरीत मुख्यमंत्री के क्षेत्र में छोटे छोटे गांव की भीतरी सड़कों के निर्माण में भी प्रभावितों को लाखों रुपए का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि करोनाकाल में ना सिर्फ आमजन अपितु व्यवसायी भी आर्थिक रूप से टूट चुके है, उन पर यह दोहरी मार क्यों? शासन बिना भेदभाव के प्रकरण तैयार कर मुआवजा निर्धारण करें, इसके बाद ही विभाग भीतरी हिस्सों में काम शुरू करें। साथ ही गौरव पथ के नाम पर उतई-पाटन पुल से इंदिरा नगर तक मार्ग के प्रभावितों को भी मुआवजा प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के क्षेत्र के लिए भू-अर्जन मुआवजा राशि में दोहरा मापदंड
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के प्रभावितों के साथ भेदभाव
उन्होंने बताया कि सीएम के गृह क्षेत्र के ग्राम सेलूद-जामगांव-रानीतराई-पाटन सड़क चौड़ीकरण एवं ग्राम मटंग-मानिकचौरी मार्ग सहित अंडा से फूंडा मार्ग के प्रभावितों को भी मुआवजा दिया जा चुका है। सिर्फ दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के प्रभावितों के साथ भेदभाव किया गया है। बता दें कि इस क्षेत्र के विधायक प्रदेश के लोक निर्माण एवं गृहमंत्री है।
बता दें कि चौड़ीकरण की जद में आने वाली भूमि यदि लगानी है तो भूमि व निर्माण का तथा आबादी हो तो निर्माण खर्च (मलबा) की वेल्यू के हिसाब से मुआवजा दिया जाने का प्रावधान है।