पड़ताल : सीएम के गृह क्षेत्र में ऐसा हो रहा सरकारी काम, आप भी जानिए


भिलाई. मुख्यमंत्री के गृह जिले दुर्ग के पाटन विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सेलूद में सड़क चौड़ीकरण के दौरान नाली निर्माण में विभागीय अधिकारियों और निर्माणी कंपनी (ठेकेदार)की मनमानी सामने आई हैं. नाली का निर्माण मास्टर प्लान (वर्क आर्डर) के मुताबिक नहीं किया जा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो ठेकेदारा और विभाग द्वारा नाली की निर्माण मनमर्जी से किया जा रहा है, बरसात में लोगों को बरसाती पानी की निकासी समस्या से राहत दिलाने का नाली का निर्माण जाना था, कितुं बारिश का सीजन खत्म होने के बाद भी नाली निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। नाली न सिर्फ टेढ़ी मेढ़ी बनाई जा रही है बल्कि सड़क चौड़ीकरण की जद में आने वाले मकानों को बिना तोड़े कांक्रीट की नाली बनाई जा रही है.

सेलूद-जामगांव-रानीतराई तक सड़क का चौड़ीकरण
बता दें कि छत्तीसगढ़ रोड़ एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड रायपुर द्वारा ग्राम सेलूद (पाटन चौक से) सेलूद-जामगांव-रानीतराई तक सड़क का चौड़ीकरण (उन्नयन) किया जा रहा है. वर्क आर्डर में सड़क की चौड़ाई बीच सड़क से दोनों तरफ 9-9 मीटर और साथ में कांक्रीट नाली निर्माण शामिल है. ग्राम सेलूद बस्ती में सड़क किनारे बने मकानों को तोडऩे और मुआवजा प्रकरण के कारण काम लगभग 4 साल से बंद था. बताया जाता है कि प्रभावितों को शासन की ओर से मुआवजा भी दिया जा चुका है. इसके बाद भी विभागीय लापरवाही के कारण मकानों को तोड़ा नहीं गया है. अब कुछ मकानों को बिना तोड़े और बीच बीच में छोड़कर (आधी अधूरी) नाली निर्माण किया जा रहा है.

असली ठेकेदार का पता नहीं
बताया जाता है कि नाली का निर्माण पेटी कांट्रेक्टर से कराया जा रहा है. उसके पास न तो नक्शा है न ही वर्क आर्डर? अधिकारियों के (मौखिक) आर्डर पर निर्माण किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि कौन अधिकारी इस काम की निगरानी कर रहा और कौन एमबी बुक लिख रहा है?


सड़क की जद में आने वाले पेड़ों को नहीं काटा गया
विभाग एवं निर्माणी एजेंसी द्वारा सड़क चौड़ीकरण के दौरान पाटन चौक से बाजार चौक तक सैकड़ों पेड़ों की कटाई के बाद बस्ती के भीतर जद में आने वाले पेड़ों को बिना काटे नाली की दिशा की मोड़ दी गई है। इससे सड़क की चौड़ाई के साथ वहां पर घनी आबादी के साथ सड़क दुर्घटना का संभावना बढ़ जाएगी। ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है कि किस नियम कानून के तहत ऐसा काम हो रहा है।


नहीं हो रही मॉनिटरिंग

निर्माण के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा काम की मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है जिससे ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। विभाग का कौन अधिकारी कब आता है और क्या दिशा निर्देश देते हैं ग्रामीणों के साथ सरपंच, सचिव और पटवारी सहित प्रभावित लोगों को भी नहीं मालूम?


निर्माण की गति धीमी

ग्रामीण को राहत देने भरी बरसात में काम शुरू किया गया था किंतु बरसात का सीजन खत्म होने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है। इससे आने वाले समय में बरसाती पानी निकासी में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं गलत तरीके से नाली निर्माण के कारण पानी निकासी की समस्या आ सकती है। नाली की लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई एक समान नहीं है। कहीं पर गहराई ज्यादा तो कहीं पर ऊंचाई कम हैं ऐसे में पानी जमाव की समस्या की आ सकती है, जिससे गंदी और बदबू के साथ मच्छरों का प्रकोप बढ़ेगा। ग्रामीणों को राहत दिलाने के लिए नाली का निर्माण किया जा रहा है किंतु मनमर्जी से निर्माण ग्रामीणों की परेशानी का सबब न बन जाए। इस समस्या एवं परेशानी को लेकर सड़क के किनारे के रहवासी चिंतित है.

क्या संज्ञान लेंगे कलेक्टर
बताया जाता है कि बुधवार 20 अक्टूबर को सीएम के गृह जिले दुर्ग के पाटन विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बेल्हारी में एक कार्यक्रम आयोजित है। इस दौरान जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी सेलूद बस्ती से होकर बेल्हारी गांव जाएंगे। ग्रामीण जानना चाह रहे हैं कि क्या अधिकारी इस गलत निर्माण काम का स्वयं संज्ञान लेंगे?


अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया

इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा संबंधित अधिकारियों को फोन लगाया गया। फोन की घंटी बजती रही किंतु किसी भी अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया। इससे संबंधित अधिकारियों के इस रवैए से ग्रामीण में नाराजगी है। वहीं अधिकारियों के इस रवैए से एवं कमीशनखोरी के चक्कर में ठेकेदार से मिलीभगत की उनकी मनमानी किए जाने की पुष्टि स्वत: हो जाती है।


कोर्ट जाने की तैयारी में ग्रामीण
अधिकारियों और ठेकेदार की मनमानी के खिलाफ कुछ ग्रामीण कोर्ट की शरण में जाने का मन बना रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो नाली निर्माण और सड़क चौड़ीकरण (बस्ती के भीतर) का मामला अधर में लटक सकता है?

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