राजस्थान पत्रिका के दो आर ई और एक अधिकारी सरकारी खर्चे पर वनांचल में मौजमस्ती कर मोटा पैकेज लेकर लौटे

भिलाई/जगदलपुर(सीजीआजतक न्यूज). पत्रकारिता में नैतिकता का ढिंढोरा पीटने वाला समाचार पत्र दैनिक (राजस्थान) पत्रिका की जमीनी हकीकत क्या है, इसका ज्वलंत उदाहरण सामने आया है। एक तरफ तो पत्रिका प्रबंधन अपने स्टॉफ को किसी भी तरह की सरकारी सुविधाएं नहीं लेने की नसीहत देता है, वहीं दूसरी ओर पत्रिका छत्तीसगढ़ के दो रेजिडेंट एडिटर और एक अधिकारी सरकारी सुख सुविधा भोगने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ रायपुर मुख्यालय के दो संपादक और एक अधिकारी द्वारा समाचार संकलन के नाम पर वनांचल क्षेत्र का तीन दिनों तक भ्रमण कर खूब मौज मस्ती किए जाने की चर्चा जोरों पर है।

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बताया जाता है कि पर्यटन विभाग की लक्जरी गाड़ी में बस्तर और रायपुर संभाग के वनांचल क्षेत्रों का दौरा कर खूब एंजाए किए। इन लोगों ने चित्रकूट जलप्रपात, कांकेर, जगदलपुर के पुरातात्विक स्थल, गंगरेल बांध जैसे पर्यटन स्थलों का भ्रमण किए। इतना ही नहीं पर्यटन विभाग के सौजन्य से सरकारी रेस्ट हाउस में तीन दिनों तक ठहरे भी थे। ऐसी भी चर्चा है कि भ्रमण के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों से मोटा पैकेज भी मिला है।

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बताया जाता है कि दूसरे राज्य से आने वाले संपादकों को नक्सली प्रभावित क्षेत्र में रिपोर्टिंग में जाने के लिए कहने पर उनकी नानी याद आ जाती है, वहीं सरकारी खर्चे पर भ्रमण कर बिना रिपोर्टिंग लौट आए। इसका प्रमाण यह है कि भ्रमण के इतने दिनों बाद भी एक लाइन की खबर पत्रिका में नहीं छपी।

कोरोना संक्रमण में वर्क फ्राम होम के बीच भ्रमण
बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में पत्रिका प्रबंधन की ओर से संपादकीय विभाग को वर्क फ्राम होम का आदेश जारी किया गया है। इस विभाग के अधिकतर लोग घरों से काम कर रहे हैं। वहीं प्रबंधन की ओर से भी लोगों को जागरुक करने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने समाचार पत्र में संदेश दिया जा रहा है, वहीं उनके संपादक और अधिकारी तीन दिनों तक रेस्ट हाउस में मौजमस्ती कर वापस लौटे हैं।

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