दुर्ग/भिलाई. (CGAAJTAK) देश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। (Indian railway) सरकारी नौकरी में कमी से पीडि़त शिक्षित बेरोजगारों के किस्मत पर कोरोना वायरस संक्रमण ने भी पानी फेर दिया है। ऐसे में एक प्लेसमेंट एजेंसी ने देश के हजारों बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक कर उनकी बेरोजगारी का उपहास उड़ाया है बल्कि सरकारी नौकरी की उम्मीदों पर भी कुठाराघात किया है। भारतीय रेलवे ने पांच हजार से अधिक पदों पर भर्ती के विज्ञापन को फर्जी करार दिया है। रेल मंत्रालय ने साफ कहा है कि रेलवे ने ऐसी कोई वैकेंसी नहीं निकाली है। रायपुर रेल मंडल ने कहा है कि किसी भी रेलवे भर्ती के लिए विज्ञापन भारतीय रेलवे की ओर से ही जारी किया जाता है। किसी भी निजी एजेंसी को ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
आउट सोर्सिंग एजेंसी के नाम से विज्ञापन
दरअसल विज्ञापन के मुताबिक आउट सोर्सिंग एजेंसी ने रेलवे की 5285 भर्तियां निकाली हैं। इन पदों पर आवेदन करने के लिए 750 रुपए शुल्क भी मांगा गया। इसमें इन 5,285 पदों में जूनियर असिस्टेंट के 600, कंट्रोलर 35, बुकिंग क्लर्क 430, गेटमैन 1200, कैंटीन सुपरवाइजर 350, केबिन मैन 780 और वेल्डर के 430 पद शामिल थे। जिसके लिए शैक्षणिक योग्यता भी अलग-अलग तय की गई। इसके साथ ही कहा गया है कि रेलवे में इन पदों पर सिर्फ इंटरव्यू के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
कौन जारी करता है विज्ञापन
भारतीय रेल की ओर से स्पष्ट किया गया है कि भारतीय रेलवे पर ग्रुप सी और पूर्ववर्ती ग्रुप डी पदों की विभिन्न श्रेणियों की भर्ती वर्तमान में 21 रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) और 16 रेलवे भर्ती सेल (आरआरसी) द्वारा की जाती है। किसी अन्य एजेंसी द्वारा नहीं। भारतीय रेलवे पर रिक्तियां केंद्रीय रोजगार सूचना के माध्यम से व्यापक प्रचार देकर भरी जाती हैं। रेलवे ऑन लाइन आवेदन पूरे देश में योग्य उम्मीदवारों से लिए जाते हैं। रेलवे ने इसकी जांच शुरू कर दी है और उपरोक्त एजेंसी में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई करने जा रही है।