कोरोना लॉकडाउन में चिटफंड कंपनी ने लोगों को लगाया करोड़ों का चूना, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

अंबिकापुर(CGAAJTAK ). कोरोना वायरस संक्रमण रोकने जारी लॉकडाउन में चिटफंड कंपनी (Chit fund company) ने ऑनलाइन रुपए जमा करा कर करोड़ों की ठगी कर बोरिया बिस्तर समेट लिया है। रुपए दोगुने करने की झांसे में आकर छत्तीसगढ़ के लगभग 12 हजारों लोगों से 6 करोड़ की ठगी की है। (Cyber crime) सबसे मजेदार बात यह है कि कंपनी ने सभी लोगों से रुपए ऑनलाइन जमा करवाया। (ambikapur SP) शुरू-शुरू में विश्वास जीतने कुछ लोगों को रकम दोगुने कर लौटाया भी। वहीं जब कपंनी में करोड़ों रुपए जमा हो गए, तो परिपक्वता के पहले (लौटाने की निर्धारित तिथि) कंपनी छत्तीसगढ़ से रफूचक्कर हो गई। (Fake company)

विश वायलेट एप के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपए ऑनलाइन जमा कराया
कोरोना संक्रमण के बीच गुजरात राÓय के बड़ोदरा जिले के एक युवक ने फर्जी चिटफंड कंपनी बनाई। मात्र एक माह में जमा राशि चार गुना करने का झांसा देकर विश वायलेट एप (Wish wallet app) के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपए ऑनलाइन जमा करा लिए। विश वालेट एंड इंड्रस्ट्रीज के संचालक आरोपी अशोक आचार्य उर्फ प्रियदर्शी ने शुरू में कुछ लोगों को झांसा देने जमा राशि के बदले रिटर्न भी किया। कंपनी के फर्जी होने के बारे में तब पता चला, जब जुलाई में 14 हजार से अधिक निवेशकों का करीब 6 करोड़ 2 लाख रुपए डूब गया। इसमें सरगुजा जिले के भी हजारों लोग शामिल थे और उन्होंने पुलिस को शिकायत की। इतनी बड़ी ठगी का मामला सामने आने पर आईजी रतनलाल डांगी के निर्देश पर एसपी टीआर कोशिमा के मार्गदर्शन में पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पता चला सरगुजा संभाग से कंपनी में करीब 12 हजार लोगों का 5 करोड़ रुपए डूबा है। पुलिस को-आर्डिनेशन सेंटर में बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी कोशिमा ने बताया कि पुलिस की टीम बड़ोदरा गई और वहां से स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी अशोक आचार्य उर्फ रामबचन प्रियदर्शी को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में कई खुलासे किए है। आरोपी द्वारा अपने ग्राहकों को एक लिंक भेजा था और पंजीयन कराने के बाद अॅानलाइन के माध्यम से कंपनी के खाते में राशि जमा कराई जाती थी। इससे लोग झांसे में आए। कंपनी का आरबीआई सहित कहीं पंजीयन भी नहीं है। कार्रवाई में एडिशनल एसपी ओम चंदेल, सीएसपी एसएस पैकरा, टीआई भारद्वाज सिंह, एएसआई प्रमोद पांडेय, आरक्षक सतेंद्र दुबे, संजीव चौबे, अरविंद उपाध्याय व विरेंद्र पैकरा शामिल थे।

तीन महीने तक रिटर्न किया और Óयादा राशि जमा होने पर कंपनी बंद
एसपी ने बताया कि आरोपी द्वारा शुरुआत में राशि जमा करने वाले निवेशकों को अप्रैल, मई व जून में रिटर्न किया। इधर नए निवेशक जुड़ते गए। पिछले महीने 75 लाख रुपए लोगों ने जमा किए थे। एक साथ जब Óयादा राशि जमा हो गई तो आरोपी ने कंपनी बंद कर दी। इसके बाद निवेशकों का रिटर्न आना बंद हो गया। कंपनी का काम चेन मार्केटिंग पर था। निवेशक भी नए लोगों का पंजीयन कराकर कंपनी में राशि जमा कराते थे। इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था। एसपी ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है और अन्य कई आरोपी इसमें जुड़ेंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

12 वीं पास आरोपी बिहार का रहने वाला
एसपी ने बताया कि आरोपी मूलत: बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है। उसके पिता गांव में रहते हैं और राजमिस्त्री का काम करते हैं। आरोपी 12वीं पास है। उसने 2002 में गुजरात के बड़ोदरा में जाकर मार्केटिंग का काम किया। फिर उसने कई कंपनियों में सेल्समैन के रूप में काम किया।

एक वर्ष पहले मार्केटिंग के काम से आया था अंबिकापुर
एक वर्ष पहले आरोपी एक कंपनी के मार्केटिंग के काम से अंबिकापुर आया था और यहां एक होटल में ठहरा था। इस दौरान कई लोगों से उसकी मुलाकात हुई। इससे पहले वह वाड्रफनगर भी आ चुका और वहां लोगों से मिला था। इसलिए उसे इस संभाग के बारे में पूरी जानकारी और कई लोगों से पहचान थी।

कोराना संक्रमण में बनाया ठगी का प्लान
एसपी ने बताया कि मार्च में कोरोना संक्रमण से काम बंद होने के दौरान उसने फर्जी चिटफंड कंपनी बनाकर Óयादा ब्याज देने का प्रलोभन देकर लोगों से पैसा जमा कराने की साजिश रची। फिर उसने फर्जी कंपनी की वेबसाइट बनाई। इसके बाद अपने पैतृक गांव के अभिषेक पांडेय से संपर्क किया। अभिषेक पयोरो कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड का संचालक है जो पयोरो गेटवे के उपयोग के लिए कमीशन देता था। पयोरो गेटवे से निवेशकों का पैसा जमा करता और रिटर्न करता था। इससे लोग झांसे में आते थे।

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