कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में समय पर इलाज ना मिलने के कारण कोरोना से संक्रमित एक चिकित्सक की मौत हो गई। मरीजों का कोरोना का इलाज करने वाले डॉ. मंजूनाथ को तीन अस्पतालों ने भर्ती करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद गंभीर रूप से बीमार होने के कारण बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज ऐंड रिसर्च सेंटर में उनकी मौत हो गई।
डॉ. मंजूनाथ रामनगरा जिले के एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर नौकरी कर रहे थे। बीते दिनों वह यहीं पर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। 25 जून को बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद डॉ. मंजूनाथ को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया था। हालांकि कोविड टेस्ट की रिपोर्ट ना होने के कारण किसी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया।
इलाज के लिए उठानी पड़ी परेशानी
तीन प्राइवेट अस्पतालों में भटकने के बाद उन्हें किसी तरह कुमारस्वामी लेआउट के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां शुरु में तबीयत सुधरी लेकिन बाद में जब सेहत में गिरावट आने लगी तो तत्काल उन्हें बीएमसीआरआई में भर्ती कराया। मंजूनाथ के भाई डॉ. नागेंद्र ने कहा कि इलाज के दौरान उनके भाई को फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत थी, लेकिन कोई भी थेरेपिस्ट उनका इलाज करने को राजी नहीं हुआ।
परिवार के लोग भी हुए कोरोना संक्रमित
काफी प्रयास के बाद एक प्राइवेट फिजियोथेरेपिस्ट ने उनकी बात मानी और बीएमसीआरआई ने भी इसका अप्रूवल दे दिया। हालांकि प्रयासों के बावजूद भी मंजूनाथ को बचाया नहीं जा सका। इसके अलावा उनके परिवार के 6 अन्य लोग भी कोरोना पॉजिटिव हुए, जिनकी सेहत बाद में ठीक हो गई। मंजूनाथ के भाई ने कहा कि हम डॉक्टर हैं और इसी कारण हमें कोरोना के संक्रमण से जूझना पड़ा। अच्छा होता कि हम ये पेशा छोड़कर मजदूरी ही कर रहे होते।